एक पत्र बेटी के नाम – Raghav dubey

प्रिय पुत्री 

कृतिका

आशा है कि तुम अपने विद्यालय में अच्छे से होगी l अपने गुरुजनों और विद्यालय प्रबंधन की बातें मानते हुए, मन लगाकर पढ़ाई करती होगी l आज तुमसे बात करने का मन हुआ तो सोचा, पत्र ही लिख लिया जाए l क्या तुम्हें पता है कि चौदह सितंबर को हम सभी क्या मनाते हैं? अरे… फिर से भूल गई l  चौदह सितंबर को हम सभी हिंदी दिवस मनाते हैं l 14 सितंबर 1949 के दिन ही संविधान सभा ने निर्णय लिया था कि ‘हिंदी’ भारत सरकार की आधिकारिक भाषा होगी l तब से आज तक हम सभी हिंदी दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं l अगले साल के भांति ही इस साल भी, तुम हिंदी दिवस के कई कार्यक्रमों में भाग ले सकती हो l कविता, कहानी, पेंटिंग, वाद-विवाद, नाटक, निबंध लेखन प्रतियोगिता, ये तो तुम्हारें विद्यालय में भी आयोजित किए जाते हैं l 

एक बात और तुमसे कहूँगी…मैं जानती हूँ कि तुम अंग्रेजी विद्यालय में पढ़ती हो l सभी पुस्तकें भी तुम्हारी अंग्रेजी में ही है l साथ में एक विदेशी भाषा ‘फ्रेंच’ का भी अध्ययन कर रही हो l ये सब बहुत जरूरी भी है, लेकिन बेटा अपनी मातृभाषा को कभी मत भूलना l ये ही हमारी पहचान है, हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं है, ये हमारी सभ्यता है, संस्कृति है l मेरे मन के भाव है ये, तेरे पिता के प्यार की अभिव्यक्ति है ये l तुझे पता है कि तूने बोलना भी इसी भाषा के द्वारा ही सीखा था मैं जो लोरी गाती थी, वह भी हिंदी में ही थी l तब से लेकर आज तक हिंदी ने कभी साथ नहीं छोड़ा l मुझे आशा है कि तू भी कभी अपनी हिंदी भाषा का साथ नहीं छोड़ेगी l मेरा ढेर सारा प्यार और हिंदी दिवस की आकाश भर के शुभकामनाएं… 

-तुम्हारी माँ 

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