तारीख 11।09।2025
प्रिय पुत्री
कैसी हो
आशा करती हूं की तुम अच्छी होगी। मै तुम्हे यह पत्र इसलिए लिख रही हू।क्युकी तुम्हे तो पता ही है, कि 14सितम्बर”हिंदी दिवस”है।
और मुझे यह भी पता चला है,कि सरकार ने
“हिन्दी दिवस” पर भी “(अनुगूँज-हिन्दी का)”
एक साहित्यिक लेखन प्रतियोंगिता भी करा रहा है।
लेकिन मै सोच रही हू, कि जब किसी को हिंदी में बात करने मे ही शम्र आ रही है,तो फिर यह सब करने से क्या मतलब।
लोग जब अंग्रेजो के उस गुलामी भाषा अंग्रेजी को ही पसंद कर रहे है। क्या वे भूल गए हैं अपनी राष्ट्र भाषा हिंदी को ।इन्हे सिर्फ हिंदी दिवस मे ही हिंदी की याद आती हैं ।यह क्यु भूल गए हैं, कि हिंदी इनकी प्राचीनतम भाषा है।
तुम मुझे इसका उत्तर अपने पत्र मे भेजना।
तुम्हारी प्यारी माँ