प्रिय आदित्य,
सप्रेम नमस्कार,
कल आपका पत्र मिला लेकिन मुझे बहुत अफसोस हुआ है की आपको हिंदी भाषा जो हमारी राष्ट्रिय भाषा को जानने की रुचि ख़तम हो गयी है
अभी भी अंग्रेजी का बोल बाला ज्यादा है लेकिन हम अगर पंजाब मे रहते है तो हम पंजाबी बोल कर काम चला सकते है लेकिन अगर हम पंजाब से बाहर जाए तो हम हिंदी की
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