माँ का पत्र – Sujit Kumar Pathak

प्रिया पुत्री सानवि,

तुम्हें प्यार और आशीर्वाद, आशा और पूर्ण विश्वास है कि तुम सकुशल
होगी। यहां घर पर सभी सदस्य ठीक है और तुम्हें याद करते रहते हैं। आज इस पत्र के
द्वारा मैं तुम्हें इस सितंबर महीने मे मनाए जाने वाले हिंदी दिवस और हिंदी भाषा
की महत्वता को समझाना चाहती हूं। हमारी मातृभाषा हिंदी है, जो हमें अपने घर,
परिवार और संस्कृति से जोड़ती है। वर्ष
1949 में
14 सितंबर के दिन भारतीय संविधान सभा ने
हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था, तभी से हर वर्ष
14 सितंबर के दिन हम हिंदी दिवस मनाते हैं। हिंदी दिवस का मुख्य
उद्देश्य हमारे छात्रों, नागरिकों को हिंदी की विशेषता तथा हिंदी के लिए जागरूकता फैलाना
है। हिंदी भाषा एक समृद्ध भाषा है, जिसमें हमारी विरासत, हमारी संस्कृति की छाप है।
 हिंदी में ही हम स्वयं को प्रस्तुत कर
पाते हैं, तुमने महसूस किया होगा जितनी आसानी से तुम हिंदी बोल पाती हो और जितने
आसानी से तुम हिंदी में अपने विचारों को अभिव्यक्त कर पाती हो, किसी और भाषा में
इतनी आसानी नहीं होगी।  हिंदी में ही हमारे
पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेई जी ने संयुक्त राष्ट्र की सभा को संबोधित किया था, जो
बहुत प्रसिद्ध हुआ था। हमें गर्व करनी चाहिए की हिंदी हमारी भाषा है तथा सानवि तुम्हें
भी गर्व करना चाहिए कि तुम हिंदी भाषी हो। आज के सोशल मीडिया के युग में भी हिंदी
में अपने अलग पहचान बनाई है। हिंदी में ही अनेकों चैनल तथा इंस्टाग्राम पर भी वीडियोज़
बनते हैं जो व्यापक रूप से प्रसिद्ध होते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि हमारी आपस की
बातचीत हिंदी में ही होगी तथा हम पत्राचार भी हिंदी में ही करते रहेंगे। अपनी पढ़ाई
करना और भोजन भी ससमय करते रहना।

हमारा शुभ आशीर्वाद तुम्हारे ऊपर सदैव बना रहेगा।

तुम्हारी मां

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p class=”MsoNormal”>रुमा 

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