कैमूर
10.09.2025
प्रिय किसलय,
शुभाशीष।
तुम्हारा पत्र मिला, पढ़कर बहुत खुशी हुई कि तुम कुशल से हो। हमलोग भी यहां कुशल से हैं।बेटा मुझे तुम्हारी बहुत याद आती है।घर से दूर रहकर पढ़ाई करना आसान नहीं है,पर तुमने जो रास्ता चुना है,वह बहुत अच्छा है।
बेटा हमलोग प्रतिवर्ष 14सितंबर को” हिंदी दिवस”मनाते हैं।मैं तुम्हे इसके महत्व को बतलाना चाहती हूं कि यह सिर्फ एक भाषा ही नहीं,बल्कि यह भारतीय संस्कृति एवं एकता का प्रतिक भी है।
इसका महत्व इस बात से लगाया जा सकता कि दुनिया भर के 170 से अधिक विश्वविद्यालयों में हिंदी एक भाषा के रूप में पढ़ाई जाती है।इसकी यह विशेषता है कि इसमें जो लिखा जाता है,वहीं पढ़ा जाता है।जबकि अन्य भाषाओं में ऐसी बात नहीं है।
अंत में इन पत्तियों के द्वारा मैं तुम्हें बतलाना चाहती हूं कि —
हिंदी भाषा नहीं भावों कि अभिव्यक्ति है,
यह मातृभूमि पर मर मिटने की भक्ति है। उज्ज्वल कामनाओं के साथ।
तुम्हारी मां
Xyz