जनाब अम्मी जान अस्सलाम आलैकुम
आप खैरियत से है,अल्लाह करे आप खैरियत से हो आमिन,
आप लोगो कि बहुत याद आती है घर मे सब लोग कैसे है खैरियत से है ना आप के पैर का दर्द कैसा है खत मे जरुर लिखिएगा। खत लिखने मे जो गलती होगी उसे अपनी प्यारी बेटी को माफ करियेगा।
खत लिखने मे एहतराम करती हू
बाद ए मोहब्बत आदाब व सलाम करती हु….
अब आप से इजाजत चाहती हु ..खुदाहाफिज
आप की प्यारी बेटी अफशा बेगम
करवंडिया चांद कैमूर
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