प्रिय पुत्र
खुश रहो
आज मैं तुम्है इस पत्र के माध्यम से हिंदी का महत्व बता रही हूँ। यह एक मात्र भाषा है जिसे देश के कई राज्यों में बोली जाती है।यह हमारी सभ्यता और संस्कृति का वाहक है। हिंदी हमे अपनी मातृभूमि और देश की संस्कृति से जोड़ता है। रामधारी सिंह दिनकर, सुभद्रा कुमारी चौहान, महादेवी वर्मा, हजारी प्रसाद द्विवेदी जैसे महान विभूतियों ने इस भाषा को समृद्ध किया गया है। जब हम अहिंदी भाषी क्षेत्र में किसी को हिंदी बोलते सुनते है तो अपनापन का एहसास होता है।यह हमारी भारत माता की बिन्दी है जो माता के मस्तक की शोभा बढाता है।अत:हिंदी बोलने में शर्म नहीं बल्कि गर्व करना।
तुम्हारी माँ
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