रवि,सोनू,रजिया,चुनमुन,विशाल और दीपा अच्छे दोस्त थे। रवि, चुनमुन और रजिया दूसरी कक्षा के विद्यार्थी थे जबकि सोनू,विशाल, और दीपा पहली कक्षा के। शाम के समय सभी चुनमुन के घर के पास लुका-छिपी का खेल खेल रहे थे। वहीं पास के पेड़ पर बहुत सारी चिड़ियां बैठी थी। चिड़ियां भी अपना खेल खेल रही थी। कोई एक डाल से दूसरे डाल पर कूदती तो कोई दूसरे से तीसरे पर। कुछ चिड़ियां आपस में डाली पर बैठ बातें कर रही थी, तो कुछ जमीन पर इधर-उधर फुदक रही थी।
रवि थोड़ा शरारती बच्चा था। उसके दिमाग में एकाएक चिड़ियों को पकड़ने का विचार आया। उसने चुनमुन को बताया तो चुनमुन ने फौरन मना कर दिया। वह बोली की हमें ऐसा नहीं करना चाहिए इससे चिड़िया डर जाएंगी और उन्हें चोट भी लग सकती है। पर रवि नहीं माना वह रजिया,विशाल और दीपा के साथ मिलकर झट से पास रखी सीढ़ी को पेड़ से लगाकर रख दिया। सभी चिड़ियां खेलने कूदने में मग्न थी। एक छोटी चिड़िया ने यह सब देख अपनी मां को बताया। लेकिन मां ने उसकी बात को अनसुना कर दिया। रवि सीढ़ी पर चुपके से चढ़ता गया और धपाक से एक चिड़िया को पकड़ लिया। बाकी चिड़िया आवाज सुनते ही डर कर उड़ गई। रवि ने जिस चिड़िया को पकड़ा था वह बहुत सुंदर थी। वह छूटने के लिए छटपटा रही थी। लेकिन रवि ने उसको जोर से पकड़ रखा था। तभी अचानक रवि का सीढ़ी से पैर फिसला और वह धड़ाम से नीचे गिरा। चिड़िया भी थोड़ी दूर झाड़ी में जा गिरी।रवि रोने लगा। सोनू दौड़कर रवि के घर जाकर उसके मम्मी को यह बात बताई। रवि की मम्मी दौड़ती हुई आई और रवि को गोद में उठाकर घर ले गई। रवि के पीछे-पीछे उसके दोस्त दीपा,रजिया,सोनू तथा विशाल उसके घर गए। चिड़िया के पंख पर चोट लगने से वह उड़ नहीं पा रही थी। वह जमीन पर पड़ी छटपटा रही थी। चुनमुन ने हल्के हाथ से चिड़िया को पकड़ा और अपने घर ले गई। उसकी मम्मी ने चिड़िया के पंख पर मरहम पट्टी की और उसे एक मुलायम गद्देदार कपड़े पर लेटा दिया। चिड़िया को दाना-पानी दिया गया वह खा-पीकर रात में अच्छे से सोई। उधर रवि भी दवा खाकर सो गया। सुबह जगते ही रवि चुनमुन के घर गया। चुनमुन से माफी मांगने लगा बोला दीदी मुझे माफ कर दो मैने आपकी बात नहीं मानी। चुनमुन,रवि को चिड़िया के पास ले गईं।चिड़िया घर में इधर-उधर फुदक रही थी। चिड़िया को देखते ही रवि बहुत खुश हुआ। उसने चुनमुन को गले लगा लिया और धन्यवाद कहा। रवि ने चिड़िया को जैसे ही छूना चाहा चिड़िया फुर्र से उड़ गई और पेड़ की डाली पर जा बैठी। चुनमुन और रवि यह देख बहुत खुश हुए ।