अरे मुझे नहीं देखो -देखो इसे लगाओमोहन ,राजा, मीना ,गीता आज विधालय में बहुत मस्ती कर रहे थे। क्योंकि कल होली जो है।सभी बच्चे एक -दूसरे को रंग,अबीर लगा कर… बच्चों की होली- लवली कुमारीRead more
Author: Anupama Priyadarshini
जोगीरा सा…रा..रा..रा- अरविंद कुमार
कार्यालय में होली की छुट्टी हुई , तो मन बिजली की रफ्तार से गांव पहुंच गया । और फिर याद आने लगे गांव की पगडंडी, खेत- खलिहान, गर्दन ऊंचा कर… जोगीरा सा…रा..रा..रा- अरविंद कुमारRead more
संध्या पाठशाला – धीरज कुमार
बात आज से लगभग तीन वर्ष पहले की है। ठंडी की शुरुआत हो चुकी थी।शादी विवाह में बजने वाला शोर समाप्त हो चुका था। दिसम्बर महीने का अंतिम सप्ताह चल… संध्या पाठशाला – धीरज कुमारRead more
कृतघ्नता – अमरनाथ त्रिवेदी
बचपन में माता-पिता से किसे प्यार नहीं होता परन्तु जब बालक वयस्क बन जाता है और उसकी शादी हो जाती है तब विरले ही ऐसे संतान होते हैं जो माता-पिता… कृतघ्नता – अमरनाथ त्रिवेदीRead more
परोपकार का प्रतिफल – अमरनाथ त्रिवेदी
अमीर लोगों को लगता है कि मैं बड़ा हूँ। अधिक पढ़े लिखे लोगों को लगता है कि मैं किसी से कम नहीं, परन्तु दिलचस्प बात यह है कि दरअसल बड़ा… परोपकार का प्रतिफल – अमरनाथ त्रिवेदीRead more
विश्वास जीतने का प्रतिफल- अमरनाथ त्रिवेदी
जब विश्वास की डोर एक दूसरे के साथ बँधती है तब एक दूसरे के साथ कार्य करने की नयी संस्कृति का सृजन होता है। जीवन को संजीदगी से जीने और… विश्वास जीतने का प्रतिफल- अमरनाथ त्रिवेदी Read more
पंडित नेहरू जी का आदर्श – अदिति भूषण
14 नवंबर का दिन, भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसे जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। नेहरू जी को बच्चों से… पंडित नेहरू जी का आदर्श – अदिति भूषणRead more
उदारता -अमरनाथ त्रिवेदी
एक गाँव में दो सहोदर भाई थे। एक का नाम अमित और दूसरे का सुमित था। दोनों के बीच अच्छे रिश्ते थे। शादी के पहले आपसी संबंधों में इतनी प्रगाढ़ता… उदारता -अमरनाथ त्रिवेदीRead more
तितली की उड़ान -स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्य ‘
मुहल्ले के एक चौराहे पर केशव तन्मयता से जूता-चप्पल मरम्मत करता था। जूता पालिश करता था। उसे अपने इस काम से शिकायत नहीं थी लेकिन बड़ी मुश्किल से गुजर -बसर… तितली की उड़ान -स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्य ‘Read more
वो दिन -रामपाल प्रसाद सिंह ‘
दिन 1982- 84 का समय-काल जब मैं अनुग्रह नारायण सिंह कॉलेज बाढ़ में विज्ञान-संकाय का छात्र था, आज के परिप्रेक्ष्य में उस काल को देखता हूॅं तो शिक्षा का स्तर… वो दिन -रामपाल प्रसाद सिंह ‘Read more