रोहन तब बारहवीं में पढ़ रहा था। वह पढ़ने में बहुत होशियार था। रोहन के पिता ने उसे कोई कमी नहीं दी। रोहन के मुँह खोलने से पहले उसके सामने… पिता की सीख : कुमारी निधिRead more
Category: दिवस विशेष
पितृ दिवस विशेष : सं. गिरीन्द्र मोहन झा
आज पितृ दिवस पर हमारे ग्रंथों में पिता के लिए कहे गये शब्द:(संकलन: गिरीन्द्र मोहन झा) पा रक्षणे धातु से पिता पद निष्पन्न होता है अर्थात् जो विपत्तियों से रक्षा… पितृ दिवस विशेष : सं. गिरीन्द्र मोहन झाRead more
बाबा नागार्जुन की जयन्ती : हर्ष नारायण दास
नागार्जुन का जन्म1911 ईस्वी की ज्येष्ठ पूर्णिमा को वर्त्तमान मधुबनी जिले के सतलखा में हुआ था।यह सतलखा गाँव उनका ननिहाल था।उनका पैतृक गाँव वर्त्तमान दरभंगा जिले के तरौनी था।इनके पिता… बाबा नागार्जुन की जयन्ती : हर्ष नारायण दासRead more
कछुआ: धैर्य, संतुलन और संरक्षण का प्रतीक : सुरेश कुमार गौरव
प्रस्तावना: प्रकृति में ऐसे अनेक जीव हैं जो मौन रहते हुए भी हमें जीवन की महान शिक्षाएँ दे जाते हैं। कछुआ (Turtle/Tortoise) भी उन्हीं में एक अद्भुत जीव है –… कछुआ: धैर्य, संतुलन और संरक्षण का प्रतीक : सुरेश कुमार गौरवRead more
राजा राममोहन राय : आधुनिक भारत के अग्रदूत : सुरेश कुमार गौरव
प्रस्तावना: भारत के नवजागरण की जब भी चर्चा होती है, राजा राममोहन राय का नाम सम्मानपूर्वक लिया जाता है। वे न केवल एक विचारक थे, बल्कि एक कर्मठ समाजसुधारक, पत्रकार,… राजा राममोहन राय : आधुनिक भारत के अग्रदूत : सुरेश कुमार गौरवRead more
वट सावित्री व्रत : गिरीन्द्र मोहन झा
महाभारत के वनपर्व में महामुनि मार्कण्डेय जब पाण्डवों से मिलते हैं तो पाण्डव उनसे बहुत सारे प्रश्न करते हैं, उनमें एक प्रश्न यह भी होता है, ऋषिवर, क्या द्रौपदी से… वट सावित्री व्रत : गिरीन्द्र मोहन झाRead more
बबली की पाठशाला : मो. ज़ाहिद हुसैन
संज्ञानात्मक विकास एवं शिक्षा-1( प्रथम पाठशाला) बच्चे जब पैदा होते हैं तो वे नये परिवेश में रोते हैं। मां जब उसके मुंह से स्तन को लगाती है तो वे स्वतःस्फूर्त… बबली की पाठशाला : मो. ज़ाहिद हुसैनRead more
सुनीता का त्याग : लवली कुमारी
खट-खट की आवाज सुन कर सुनीता ने कहा, “नैना देखो तो दरवाजा पर कोई आया है।” “मां, पार्सल वाले भैया हैं”, सुनीता आश्चर्य से बोली। “पार्सल वाले क्यों?” “पता नहीं… सुनीता का त्याग : लवली कुमारीRead more
बिहार के अग्रणी योद्धा : बाबू वीर कुँवर सिंह- आशीष अम्बर
कुँवर सिंह का जन्म 23 अप्रैल 1780 ई . को भोजपुर जिले के जगदीशपुर गांव (आरा) में हुआ था । उनके पिता साहबजादा सिंह एक उदार स्वभाव के जमींदार थे… बिहार के अग्रणी योद्धा : बाबू वीर कुँवर सिंह- आशीष अम्बरRead more