करिश्मा नाम की एक लड़की थी, जो पढ़ाई में ठीक थी लेकिन सबके सामने बोलने से डरती थी। उसे लगता था कि लोग उसकी हंसी उड़ाएँगे। उसे करियट्ठी शब्द समाज… शीशे वाली लड़की (डर से आत्मविश्वास तक की यात्रा) : अवधेश कुमारRead more
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यात्रा लिंगराज मंदिर की- अजय कुमार मीत
कलिंग,यह शब्द सुनते ही बिहारी होने के कारण मेरे मानस पटल पर इतिहास के कालखंड का वह पन्ना अनायास ही खुल जाता है। जिसमें एक सम्राट जिसका साम्राज्य पश्चिम में… यात्रा लिंगराज मंदिर की- अजय कुमार मीतRead more
दादी माँ की सीख
गर्मी की छुट्टी में इस बार भी सभी बच्चे अपने गाँव आये थे । अनु,तनु,मंगल,सोनू,सबके सब। अपने गाँव, अपनी दादी माँ के गाँव। मजे की बात। गाँव का नाम था… दादी माँ की सीखRead more
पहली कमाई – शिल्पी
मजदूर की माँ की दोनों आँखें नहीं है।वो अपनी पहली कमाई से माँ के लिए लाल साड़ी लेना चाहता है। लेकीन फिर उसने सोचा, माँ को कहाँ दिखाई देनें वाला… पहली कमाई – शिल्पीRead more
सत्य का प्रकाश- सुरेश कुमार गौरव
गाँव के एक छोटे से विद्यालय में आदर्श नाम का एक शिक्षक था, जो अपने छात्रों को सिर्फ़ किताबों का ज्ञान ही नहीं, बल्कि नैतिकता और जीवन-मूल्यों की सीख भी… सत्य का प्रकाश- सुरेश कुमार गौरवRead more
जोगीरा सा…रा..रा..रा- अरविंद कुमार
कार्यालय में होली की छुट्टी हुई , तो मन बिजली की रफ्तार से गांव पहुंच गया । और फिर याद आने लगे गांव की पगडंडी, खेत- खलिहान, गर्दन ऊंचा कर… जोगीरा सा…रा..रा..रा- अरविंद कुमारRead more
पंडित नेहरू जी का आदर्श – अदिति भूषण
14 नवंबर का दिन, भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसे जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। नेहरू जी को बच्चों से… पंडित नेहरू जी का आदर्श – अदिति भूषणRead more
उदारता -अमरनाथ त्रिवेदी
एक गाँव में दो सहोदर भाई थे। एक का नाम अमित और दूसरे का सुमित था। दोनों के बीच अच्छे रिश्ते थे। शादी के पहले आपसी संबंधों में इतनी प्रगाढ़ता… उदारता -अमरनाथ त्रिवेदीRead more
तितली की उड़ान -स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्य ‘
मुहल्ले के एक चौराहे पर केशव तन्मयता से जूता-चप्पल मरम्मत करता था। जूता पालिश करता था। उसे अपने इस काम से शिकायत नहीं थी लेकिन बड़ी मुश्किल से गुजर -बसर… तितली की उड़ान -स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्य ‘Read more
वो दिन -रामपाल प्रसाद सिंह ‘
दिन 1982- 84 का समय-काल जब मैं अनुग्रह नारायण सिंह कॉलेज बाढ़ में विज्ञान-संकाय का छात्र था, आज के परिप्रेक्ष्य में उस काल को देखता हूॅं तो शिक्षा का स्तर… वो दिन -रामपाल प्रसाद सिंह ‘Read more