आज विद्यालय में काफी चहल- पहल थी। बच्चे काफी खुश दिखाई दे रहे थे, कारण कल शिक्षक दिवस था। सभी बच्चे शिक्षक दिवस की तैयारी में जुट गए थे। सभी एक दूसरे को अपने-अपने गिफ्ट के बारे में जानकारी दे रहे थे। बच्चे बता रहे थे कि मेरे पास तो बहुत पैसे हैं मैं तो सर को कुछ भी दे सकता हूं। एक दूसरे को सभी हीन भावना से देख रहे थे। उन्हें ऐसा लग रहा था कि शिक्षक सिर्फ मुझे ही प्यार करें बाकी किसी को नहीं इसलिए सबसे अच्छा गिफ्ट दे करके उनको अपनी और कर लें।
पिंकी एक बहुत गरीब घर की लड़की थी। वह भी शिक्षक दिवस पर सर को कुछ उपहार देना चाहती थी पर सभी बच्चे उसका मजाक उड़ा रहे थे। अरे! पिंकी, तू क्या देगी तेरे पास तो पैसे ही नहीं है, सर तो तुझे दूर से ही भगा देंगे। सभी बच्चे ज़ोर-ज़ोर से ठहाका लगाने लगे।
उसने कुछ नहीं कहा, वह घर आ गई। घर आकर उसने सर के नाम एक प्यार भरा खत लिखा और कक्षा के सारे बच्चों की तस्वीर बनाई जिसमें सभी बच्चे एक साथ मिलकर सर को फूल और एक पौधा भेंट कर रहे हैं।
दूसरे दिन पिंकी भी अपने उपहार के साथ विद्यालय आ पहुंची। इधर सभी बच्चे अपने-अपने उपहार में नाम के साथ अपने हाथ में लिए खड़े थे कि मेरे शिक्षक आएंगे तो उनका स्वागत करूंगा। कुछ देर बाद विजय सर कक्षा में आए आते ही सारे बच्चों ने उनका अभिवादन किया। पिंकी अपने उपहार को छुपा कर रखी हुई थी। उसे ऐसा लग रहा था कि मेरा उपहार तो बहुत छोटा है, पता नहीं सर लेंगे भी या नहीं। कारण, बच्चे उसके मन में गलत बातों को भर दिये थे।
सर के क्लास में आते ही सबने ताली बजाई पर धक्का-धुककी में पिंकी के हाथ से उसका उपहार नीचे गिर गया। तभी सर की नजर उस पर पड़ गई, उन्होंने पिंकी के उपहार को उठा लिया और उठाते ही बहुत खुश होकर कक्षा में आकर बोले- “वाह इतना खूबसूरत उपहार किसने दिया है।”ऽ
तभी क्लास में बच्चे शोर मचाने लगे सर हमारे उपहार देखिए बहुत खूबसूरत और कीमती है। हमारे उपहार के सामने तो यह कुछ भी नहीं है। आप हमारा उपहार देखेंगे तो खुश हो जाएंगे। तभी सारे बच्चे अपने-अपने उपहार लाकर सर को देना शुरू कर दिए। सर ने देखा, सचमुच में बहुत महंगी उपहार बच्चों ने खरीदा था। तभी सर ने कहा कि आप लोगों ने तो मेरा सौदा ही कर दिया। उपहार तो मुझे दिया ही नहीं सभी बस एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए बहुत महंगी-महंगी उपहार लेकर आए। पर पिंकी को देखो उसने मुझे बहुत कीमती उपहार दिया है। वह कितना मुझसे और तुम लोगों से स्नेह करती है। कितनी मेहनत की है इस बच्ची ने रात भर ड्राइंग किया और इतना प्यार भरा खत भी लिखा। इसने सभी बच्चों को एक साथ मिलकर रहने को कहा और देखो पर्यावरण सुरक्षा के लिए भी एक पौधा उपहार में दिया। बच्चों ने सचमुच अपनी तस्वीर जब देखा तो सारे बच्चों को बुरा लगा। उसने पिंकी से क्षमा मांगी कहा सच में हम लोगों ने सिर्फ अपने ही बारे में सोचा पर पिंकी ने तो सारे बच्चे मिलकर एक साथ आनंदपूर्वक रहे ये सोच अपनाई। बच्चे आज काफी ख़ुश हुए उन्हें एक आज अच्छी सीख मिल गई थी। सबके साथ समान व्यवहार करने का और सबके साथ मिलकर रहने का। सभी बच्चे पिंकी को लेकर खेलने लगे और सबने मिलकर सर के साथ पौधा लगाया और मिठाइयां खाई।
लवली कुमारी
उत्क्रमित मध्य विद्यालय अनूप नगर
बारसोई कटिहार