कोसी क्षेत्र : नेहा कुमारी

कोसी क्षेत्र में बच्चों में नशाखोरी एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, जिससे नौनिहाल, जो भविष्य के कर्णधार हैं, नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं। यह स्थिति न केवल व्यक्तिगत रूप से बच्चों के जीवन को प्रभावित करती है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चिंता का विषय है।
नशे की गिरफ्त में नौनिहाल:
कोसी क्षेत्र में, गरीबी, बेरोजगारी, और सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन के कारण, बच्चे आसानी से नशे की गिरफ्त में आ जाते हैं। शुरुआत में, वे उत्सुकतावश या दोस्तों के दबाव में नशा करना शुरू करते हैं, लेकिन धीरे-धीरे यह लत बन जाती है। शराब, गांजा, और अन्य नशीली दवाओं का सेवन बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करता है।

नशे के कारण:
गरीबी और बेरोजगारी:
गरीबी और बेरोजगारी के कारण, बच्चे अक्सर घर पर हीन भावना महसूस करते हैं और नशे की लत में पड़ जाते हैं।

सामाजिक-आर्थिक पिछड़ापन:
कमजोर सामाजिक-आर्थिक स्थिति वाले परिवारों में, बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए पर्याप्त सुविधाएं और जागरूकता की कमी होती है।

संगति का प्रभाव:
गलत संगत में पड़कर, बच्चे नशे की लत में फंस जाते हैं।

नशे के प्रभाव:
शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव:
नशे के सेवन से बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इससे हृदय रोग, फेफड़ों की बीमारी, और लीवर की बीमारी जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।


मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव:
नशे के सेवन से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। इससे अवसाद, चिंता, और आत्महत्या जैसे मानसिक रोग हो सकते हैं।
सामाजिक प्रभाव:
नशे के सेवन से बच्चों का सामाजिक जीवन भी प्रभावित होता है। वे अपने परिवार और दोस्तों से दूर हो जाते हैं, और अपराधों में शामिल हो सकते हैं।

कोसी क्षेत्र में बच्चों में नशे की लत एक गंभीर समस्या है, जिससे निपटने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। जागरूकता अभियान, शिक्षा का प्रसार, खेलकूद और मनोरंजन के अवसर, नशा मुक्ति केंद्र, और कठोर कानून, ये सभी उपाय बच्चों को नशे से बचाने और उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने में मदद कर सकते.


नेहा कुमारी
रा. स. हरावत राज उच्च माध्यमिक विद्यालय, गणपतगंज, सुपौल

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