आज सुबह से ही हर जगह बड़ी धूमधाम थी। फावड़ा, कुदाल, बाल्टी मग और नर्सरी से लिये कुछ पौधों के साथ नेताजी और उनके समर्थक चल रहे थे।जहाँ भी खाली… हरित धरा- रुचिकाRead more
भोजन की बर्बादी कैसे रोकें?- मनु कुमारी
किसी भी आयोजन में, चाहे शादी हो, विवाह हो, मुंडन हो या मृत्यु भोज हो, किसी भी तरह का आयोजन हो-सभी आयोजनों में भोजन बनाने में काफी पैसे खर्च होते… भोजन की बर्बादी कैसे रोकें?- मनु कुमारीRead more
हिंदी में रोजगार की संभावनाएं- आशीष अम्बर
हिंदी हमारे देश की राजभाषा है। आज हिंदी भाषा के बढ़ते चलन और वैश्विक रूप ने रोजगार की अनेक संभावनाओं को उजागर किया है। विविध क्षेत्रों में इसकी स्वीकृति और… हिंदी में रोजगार की संभावनाएं- आशीष अम्बरRead more
सुंदर लिखावट कला या विज्ञान- अरविंद कुमार
महात्मा गांधी ने कहा था खराब लिखावट अधूरी शिक्षा की निशानी है। दरअसल उनकी लिखावट अच्छी नहीं थी और इस बात का अफसोस उन्हें जीवनपर्यंत होता रहा। हम सब भी… सुंदर लिखावट कला या विज्ञान- अरविंद कुमारRead more
पेड़-पौधों में भारत विश्व में दसवें स्थान पर-सुरेश कुमार गौरव
इस लेख को तैयार करने के बाद ज्ञात हुआ कि विश्व में लगभग तीन ट्रिलियन से अधिक पेड़ हैं। लेकिन सभ्यता की शुरुआत के बाद से मनुष्यों द्वारा 47% पेड़ों… पेड़-पौधों में भारत विश्व में दसवें स्थान पर-सुरेश कुमार गौरवRead more
साहसिक सफलता की कहानी-डॉ स्नेहलता द्विवेदी “आर्या”
दिनभर की थकान के उपरांत भोजन और फिर सोने का समय।आँखों में गहरी नींद छाई हुई थी। हमसब अपने बिस्तर की ओर जा रहे थे। बच्चे सो गए थे। गाँव… साहसिक सफलता की कहानी-डॉ स्नेहलता द्विवेदी “आर्या”Read more
लोग का कही: सामाजिक परिवर्तन का संदेश- मो. ज़ाहिद हुसैन
सामाजिक परिवर्तन कैसे लाया जा सकता है? सामाजिक कुरीतियों और रूढ़ियों को कैसे तोड़ा जा सकता है? इस सवाल का जवाब प्रस्तुत करता हैं, डॉ. लक्ष्मीकान्त सिंह का उपन्यास ‘लोग… लोग का कही: सामाजिक परिवर्तन का संदेश- मो. ज़ाहिद हुसैनRead more
अकेलापन और एकांत- गिरीन्द्र मोहन झा
अकेलापन बहिर्मुखी और एकांत अन्तर्मुखी होता है। धारावाहिक महाभारत में पितामह गंगापुत्र भीष्म का एक संवाद है, “धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में प्रत्येक व्यक्ति अकेला होता है। धर्म व्यक्तिगत होता है। धर्म… अकेलापन और एकांत- गिरीन्द्र मोहन झाRead more
चहारदीवारी तोड़कर निकली मनीषा- नीतू रानी
एक हरिजन परिवार में पली-बढ़ी मनीषा।मनीषा का सपना था जो मैं बड़ी होकर पढ़ -लिखकर कुछ बनूँ । लेकिन उसके परिवार में उसे पढ़ाने के लिए तैयार नहीं थे और… चहारदीवारी तोड़कर निकली मनीषा- नीतू रानीRead more
शिक्षा और संवेदना- अरविंद कुमार
नित नई-नई कहानी रचता,नित नया-नया आविष्कार करता यह मानव आगे बढ़ता, सरपट चांद को छूने के पश्चात मंगल की ओर कदम बढ़ाने के रास्ते पर उन्मुख। इन सारी सफलताओं, इन… शिक्षा और संवेदना- अरविंद कुमारRead more