सदव्यवहार- विमल कुमार विनोद

किसी भी व्यक्ति के जीवन में उसका व्यवहार बहुत कीमती चीज माना जाता है।व्यवहार किसी भी व्यक्ति के जीवन का एक बेशकीमती गहना माना जाता है,जिसके बिना लोगों का जीवन… सदव्यवहार- विमल कुमार विनोदRead more

जलती चितायें- श्री विमल कुमार”विनोद”

श्री विमल कुमार”विनोद”लिखित लघुकथा।मोहन बाबू जो कि एक दफ्तर में काम करते हैं।इनके परिवार में कुल मिलाकर लगभग दस सदस्य हैं, जिनमें से इकलौता कमाने वाले मोहन बाबू ही हैं।दिनभर… जलती चितायें- श्री विमल कुमार”विनोद”Read more

हृदय परिवर्तन -सुरेश कुमार गौरव

कुंदन का परीक्षाफल आज निकलने वाला है। इसीलिए वह सुबह से ही दैनिक कार्यों से निवृत्त होने लगा। स्कूल जाने के समय तैयार हो स्कूल की ओर चल पड़ा। स्कूल… हृदय परिवर्तन -सुरेश कुमार गौरवRead more

मैं नालायक नहीं- श्री विमल कुमार”विनोद

जीवन की वास्तविकता पर आधारितश्री विमल कुमार”विनोद”लिखित लघुकथा।सोहन नामक एक छोटा सा बालक जो कि परिवार का एकलौता,दुलारा पोता है।परिवार में पोता के आगमन होने के कारण घर के सभी… मैं नालायक नहीं- श्री विमल कुमार”विनोदRead more

नालायक बेटा”एक लघुकथा- श्री विमल कुमार

पृष्ठभूमि-सरोज नाम का एक लड़का है,जिसके पिता जी व्यवसाय करते हैं,माता जी गृहिणी हैं।पिता सुबह उठकर अपने दुकान पर चले जाते हैं, सरोज पढ़ने के नाम पर घर से निकलता… नालायक बेटा”एक लघुकथा- श्री विमल कुमारRead more

हिन्दी भाषा और हमारी सोंच-श्री विमल कुमार

बच्चा जब जन्म लेता है,उसके बाद धीरे-धीरे उसका विकास होता है,जिसमें बच्चा जन्म लेने के बाद सबसे पहले रोना,चूसना और कपड़ा गीला करना ही जानता है।उसके बाद विकास की गति… हिन्दी भाषा और हमारी सोंच-श्री विमल कुमारRead more

नदी का धार्मिक दृष्टिकोण से महत्व

“नदी का धार्मिक दृष्टिकोण से महत्व” स्थूल दृष्टिकोण से पृथ्वी के प्राकृतिक तथा भौतिक घटकों जैसे हवा,जल ,मृदा,वनस्पति को पर्यावरण का प्रतिनिधि माना गया है।ये घटकें मनुष्य को चारों ओर… नदी का धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वRead more

अब क्या होगा श्री विमल कुमार “विनोद”

गाँव-गंवई भाषा में समय की वास्तविकता पर आधारित लघुकथा।संक्षिप्त सार-जानवरों की चौपाल जिसमें कुत्ते,बिल्ली, कौआ,मैनागाय,बैल,भेड़-बकरी सारे चिंतित नजर आ रहे हैं।इसी बीच एक सूट-बूट पहना जेनटलमेन आॅटोरिक्शा से उतर कर… अब क्या होगा श्री विमल कुमार “विनोद”Read more

“कोई तो है”- श्री विमल कुमार”विनोद”

रमेश नामक एक छोटा सा बालक बचपन में अपने दरवाजे पर प्रतिदिन सड़क के किनारे खेलता था।एक दिन इसी क्रम में खेलते समय अचानक दो बैल आपस में लड़ते हुये… “कोई तो है”- श्री विमल कुमार”विनोद”Read more