भारतीय नगर,वार्ड नं. 35
बटराहा ,सहरसा
दिनांक:- 13 सितंबर 2025
मेरी प्यारी पुत्री,
स्नेह भरा आशीर्वाद!
मैं कुशल हू.आशा है तुम भी कुशलपूर्वक होगी. आज इस पत्र के माध्यम से हिंदी भाषा के बारे में तुमसे कुछ बातें साझा करना चाहती हूं।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343(1) के अनुसार हिंदी को संघ की राजभाषा घोषित किया गया है। हिंदी केवल एक भाषा ही नहीं बल्कि हमारी सांस्कृतिक पहचान, रीति रिवाज और समृद्ध विरासत की संवाहक है.हम इसके माध्यम से देश के साहित्य, इतिहास और अपनी परंपरा को समझ सक्ते हैं. हिंदी एक सेतु की तरह है जो भारत की विविध संस्कृतियों को एक सूत्र में पिरोते हुए सामाजिक एकीकरण की भावना पैदा करती है .
हिंदी सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषाओ में से एक है। ये संपर्क भाषा सरकारी कार्यालय, मीडिया, तकनिक, मार्केटिंग , हिंदी विज्ञापन ,ऑनलाइन काम, इत्यादी मैं भी सहायक हो रही है।
मैं चाहती हूं कि तुम हिंदी को एक विषय मात्रा न समझो, बल्कि अपनी आत्मा का हिस्सा बनाओ।आशा है तुम अपनी माँ की बातों पर अमल करोगी। ईश्वर तुम पर अपनी कृपा बनाये रखे.
तुम्हारी माँ
दीप्ति अंशु