कृतज्ञता सौरभ आज अपने खिड़की पर उदास बैठा था। खिड़की के सामने बेल का पेड़ था जिसे आज मजदूर काटने आएंगे। पापा चार दिन… कृतज्ञता-कुमारी निरुपमाRead more
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