आ..छी..ईईईईई ..। ऊह…,हे..रे..भागता है की नहीं उधर ” दशरथ ओझा ने मंगलू के छींकने पर अपना मुंह बनाते हुए कहा। “हे रबिया माय, रबिया माय” रबिया माय आंगन के चूल्हा… एक और सुबह : अरविंद कुमारRead more
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रजिया की शादी- नीतू रानी
रजिया की माँ रजिया की शादी बारह वर्ष में करवा देना चाहती थी। यानी कि “बाल विवाह”, क्योंकि अगर रजिया पंद्रह, सत्रह साल की हो जाएगी तो उसके लायक लड़का… रजिया की शादी- नीतू रानीRead more