VIDYALAY ADHYAPAK (11-12) – SIMA KUMARI

प्रिय पुत्र ऋषभ के नाम

माँ सीमा कुमारी की ओर से

दिनांक : 14 सितम्बर 2025

स्थान : समस्तीपुर

प्यारे ऋषभ,

सप्रेम आशीर्वाद।

आज हिंदी दिवस पर तुम्हें लिखते हुए मेरा मन गद्गद है। हिंदी केवल हमारी भाषा नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और पहचान की आत्मा है। यह हमें अपनी मिट्टी और परंपराओं से जोड़ती है।

बेटा, तुम एम.बी.बी.एस. की इंटर्नशिप में हो। उपचार में दवा जितनी ज़रूरी है, उतना ही रोगी से आत्मीय संवाद भी। जब तुम मरीजों से उनकी भाषा—विशेषकर हिंदी में सरलता से बात करोगे, तो वे सहज होकर तुम्हारे प्रति विश्वास प्रकट करेंगे। यही सेवा का सच्चा स्वरूप है।

साथ ही यह भी याद रखना कि अपनी हिंदी से प्रेम करते हुए तुम्हें दूसरों की मातृभाषा का भी सम्मान करना है। हर भाषा किसी के हृदय की धड़कन होती है। जब तुम सभी भाषाओं को आदर दोगे, तभी तुम सच्चे अर्थों में मानवीय चिकित्सक कहलाओगे।

अंग्रेज़ी तुम्हें दुनिया से जोड़ेगी, पर हिंदी और अन्य भाषाओं का सम्मान तुम्हें हर मनुष्य से आत्मीयता से जोड़ेगा। यही संतुलन तुम्हें सफल और महान बनाएगा।

सदैव आशीर्वाद सहित,

तुम्हारी माँ

सीमा कुमारी

विद्यालय अध्यापिका, उ. मा. वि. छत्नेश्वर, वारिसनगर, समस्तीपुर

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