गणवेश; यह वह आवरण है जो हमारी कई पृष्टभूमि को ओझल कर देती है। यह हमारी ज्ञान रूपी गाड़ी को पटरी पर सीधे दौड़ने के लिए आधार प्रदान करती है।… गणवेश- मनोज कुमारRead more
Month: March 2023
अपना-पराया- संजीव प्रियदर्शी
लघुकथा आज देर शाम रघुनाथ जब घर लौटा तो पत्नी राधिका को डरी-सहमी मकान के सामने बरसाती में पाया। कारण पूछने पर वह रोनी सूरत बनाकर बोली -‘ आज तो… अपना-पराया- संजीव प्रियदर्शीRead more