अन्तर्राष्ट्रीय हाथ धुलाई दिवस
जैसा कि हम जानते है कि यह जीवन हम मनुष्यों के लिए एक वरदान स्वरूप है।जाहिर सी बात है इस जीवन को अच्छे से जीने के लिए हमें अपने शरीर को स्वस्थ रखना होगा क्योंकि एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है
अतः एक स्वस्थ, सुन्दर और सम्पूर्ण जीवन जीने के लिए सफाई को महत्वपूर्ण स्थान देना होगा क्योंकि जब तक हम साफ-सफाई को अपने जीवन में महत्वपूर्ण स्थान नहीं देंगे, हम स्वस्थ जीवन की कल्पना नहीं कर सकते।
अतः हमें साफ-सुथरा रहना अति आवश्यक है। हमसबों ने अपने पूर्वज बड़े-बूढ़ों से हमेशा सुना है कि स्वच्छता को अपनाना चाहिए। हमें हमेशा स्वच्छ वातावरण में रहना चाहिए। साफ-सफाई का हमेशा ध्यान रखना चाहिए। सिर्फ साफ कपड़े ही नहीं बल्कि शरीर के प्रत्येक अंगों की सफाई नियमित रूप से करना चाहिए। प्रत्येक दिन सिर से लेकर पैर तक अच्छे से नहाना चाहिए। बालों को धोना, कंघी करना, दाँतों को ब्रश करना, बार-बार पानी से कुल्ला करना, खाना खाने के बाद दाँतो में ब्रश करना, ये सब साफ-सफाई के अन्तर्गत आने वाली बातों को विशेष रूप से नियमित रुप से करना नितांत आवश्यक हैा
सर्वप्रथम हाथ की सफाई अति आवश्यक है। हाथ में कोई भी किटाणु, विषाणु रहने से हम समस्याओं के जाल में फँस सकते है क्योंकि हाथ के द्वारा ही हम जो भी भोजन करते है, वही भोजन पेट में पहुँचता है। यदि हम अच्छे से हाथों को नही धोएँगे तो किटाणु हमारे भोजन के साथ पेट के अंदर जाकर हमे हानि पहुँचा सकते है तथा बड़ी-बड़ी बीमरियों को जन्म दे सकता है।
अतः सर्व प्रथम हाथ धूलाई का महत्वपूर्ण स्थानहै क्योंकि हाथ से ही हम अपने मूँह, कान, ऑख, नाक इत्यादि सभी अंगों को स्पर्श करते हैं।अतः हाथ घुलाई को प्राथमिकता देनी चाहिए।
15 अक्टुबर को विश्व हाथ धुलाई दिवस के रूप में हम सभी लोग मनाते है। सुन्दर स्वस्थ्य हम सबों के लिए सबसे बड़ी पुंजी है।
कहा भी गया है :– अच्छा स्वास्थ्य ही सम्पति है। हम स्वस्थ रहेंगे तभी आगे कुछ भी अच्छा कर पाएँगे।
अतः इस बात को ध्यान में रखते हुवे 15 अक्टुबर को अन्तराष्ट्रीय हाथ सफाई दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर विद्यालय एवं विभिन्न संस्थानों में भी हाथ सफाई का कार्यक्रम का आयोजन होता है। इस कार्यक्रम में हाथ धोने के विभिन्न और सटीक तरीकों को बताया जाता है। हाथ धोने से लाभ और हानि दोनों पहलुओं को समझाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि हमारे हाथ में छिपे हुए कीटाणु, विषाणु को हम हटा सके। कहने का तात्पर्य है कि उस कीटाणु, विषाणु , को दूर कर सके। हाथ हमारे शरीर का वह अंग है जो हम प्रत्येक क्षण इस्तमाल करते है। प्रत्येक कार्य के साथ-साथ भोजन करने में हाथ की सबसे अहम् भूमिका होती है। अतः हमेशा हाथ की सफाई को प्रार्थामकता देना आवश्यक है। स्वच्छ हाथ से स्वच्छ भोजन हम जब भी खाएँगे तो हमें कोई भी बीमारी नहीं होगी।
हम देखते है कि कभी-कभी विद्यालय में भी बच्चे बिना हाथ धोये खाना खा लेते हैं तो ऐसी स्थिति में शिक्षकों को भी बारीकि से ध्यान देना चाहिए कि बच्चों ने हाथ धोया कि नहीं या कहीं उनके नाखुन में फंसी गंदगी तो नहीं है।ऐसे तो प्रत्येक विद्यालय में हाथ सफाई की उचित व्यवस्था हो ग्ई है किन्तु कई ऐसे बच्चे हैं जो सफाई पर ध्यान नहीं देते हैं। उन बच्चों के लिए शिक्षकों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। बच्चों को अच्छे स्वास्थ्य के लाभ बताने चाहिए ताकि बच्चे किसी भी बीमारी का शिकार न हो। हाथ धुलाई के बारे में बताना अनिवार्य है। अतः बच्चों को भोजन करने से पहले तथा शौच के बाद हाथ को किसी अच्छे साबुन से धोना अत्यंत ही आवश्यक है।
14 अक्टुबर 2011 को अर्जेनटाइना, पेरू, मेक्सको इन तीनों देशों में 7 लाख 40 हजार 820 लोगों ने हाथ धुलाई की थी। 15 अक्टुबर 2014 को मध्य प्रदेश सरकार ने भी ग्रिनीज बुक ऑफ व्लर्ड रिकार्ड में जगह बनाने के लिए 51 जिलों के 13 हजार 196 विद्यालयों में एक साथ एक समय पर 12 लाख 76 हजार 425 बच्चों को हाथ धुलवाये और इसकी प्रदेश भर में वीडियो ग्राफी भी कराई गई ताकि सभी लोग सफाई के प्रति जागरूक होकर हाथ सफाई को महत्व दे सके।
ये सारे प्रयास सफलीभूत हो रहे है। इन सभी प्रयासों के फलस्वरूप प्रत्येक वर्ष 15 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय हाथ धूलाई दिवस के अवसर पर हाथ धूलाई कार्यक्रम आयोजित की जाती है और मध्याह्न भोजन से पहले बच्चों को सही ढंग से हाथ धुलवाया जाता है तत्पश्चात् ही बच्चों को भोजन कराया जाता है। इससे बच्चों में भी हाथ सफाई के प्रति भावना जागृत होती है। वे अपने घर में भी सफाई की महत्ता को समझते हुए भोजन करने के पहले हाथ धोना अनिवार्य समझते है। अतः हम सभी मिलकर स्वच्छता अपनाएँ और अपना अमूल्य जीवन को बचाएँ।
हाथ सफाई बहुत जरूरी ,
तभी ही होगी सफाई पूरी।
जन-जन को बतलाना है,
हाथ सफाई के महत्व को समझाना है।
घर-घर में यह अलख जगाएँगे,
स्वच्छता अभियान को सफल बनाएँगे।
रीना कुमारी
प्रा० वि० सिमलवाड़ी पश्चिम टोला
प्रखंड-बायसी
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बिहार