(एक शिक्षक की आत्मीय यात्रा)लेख विधा :- संस्मरण कुछ रिश्ते शब्दों से परे होते हैं, और कुछ पलों की आवाजें जीवनभर की गूंज बन जाती हैं। आज का दिन मेरे… कुछ रिश्ते शब्दों से परे होतें हैं : चन्दन कुमार उर्फ मनीष अग्रवालRead more
Category: संस्मरण
पहला झूठ और पहली सज़ा : सुरेश कुमार गौरव
बचपन में कोई सिखाता नहीं कि झूठ बोलना बुरा है, पर जब बोलते हैं और पकड़े जाते हैं – तभी असल शिक्षा मिलती है।मुझे याद है – वह मेरी तीसरी… पहला झूठ और पहली सज़ा : सुरेश कुमार गौरवRead more
डिबिया-सत्यम कुमार
डिबिया डिबिया का नाम सुनते ही सामने वो ग्राइप वाटर की शीशी के ढक्कन में कांटी से बनाये गए छेद में पुरानी धोती या सूती… डिबिया-सत्यम कुमारRead more