चुड़ैल का डर- श्री विमल कुमार” विनोद”

सामाजिक अंधविश्वास पर आधारित श्री विमल कुमार” विनोद” लिखित लघुकथा।यह लघुकथा सुदूर ग्रामीण क्षेत्र का है जहाँ पर गाँव के छोर में एक विशालकाय वट वृक्ष है,जहाँ पर गाँव की… चुड़ैल का डर- श्री विमल कुमार” विनोद”Read more

झगड़ैया”-अंगिका लघुकथा -श्री विमल कुमार”विनोद”

“झलिया”नाम केरो एगो पाँच बच्छर केरो लड़की जे कि भोरे सुति ऊठी केरो बाद से ही जिनगी भर गाँव घरो म जरा जरा बातो में झगरा करैय छलय। ऐकरे उपर… झगड़ैया”-अंगिका लघुकथा -श्री विमल कुमार”विनोद”Read more

जहर – संजीव प्रियदर्शी

सुखाराम ने बजरंगी को अपने घर बुलवाकर कहा-‘ बजरंगी भाई, इस बार कपास की खेती कर लो,चाँदी काटोगे। और हां, खेती में जितने भी रुपये लगेंगे सब मैं दे दूंगा।… जहर – संजीव प्रियदर्शीRead more

बेवकूफ – दया

देर रात अचानक ही रामाकांत जी की तबियत बिगड़ गयी,आहट पाते ही उनका बेवकूफ बेटा उनके सामने था।माँ ड्राईवर बुलाने की बात कह रही थी, पर उसने बोला – अब… बेवकूफ – दयाRead more

हिन्दी भारत की शान

हिन्दी सबकी शान है, सभी करें सम्मान।भाषा है प्यारी सुघड़, सरल सुगम गुण खान।।वस्तुत: हिन्दी भारत की शान है। इसकी भाषा सुघड़ (सुन्दर) और प्यारी है ही, सरल, सुगम तथा… हिन्दी भारत की शानRead more

प्रेरक कथा-कुमकुम कुमारी

रखेंगे ध्यान बेटा यह क्या कर रहे हो? क्यों कचरे के बाल्टी में हाथ डाल रहे हो? माँ मैं कचरे में से पॉलीथिन निकाल रहा हूँ। देखो न माँ कामवाली… प्रेरक कथा-कुमकुम कुमारीRead more

समाज के पथ-प्रदर्शक संत कबीर दास

” समाज के पथ-प्रदर्शक संत कबीर दास “ ✍️सुरेश कुमार गौरव संत कबीर दास को समाज सुधारक के तौर पर जाना जाता है। आज भी उनकी रचनाओं को मंदिरों और… समाज के पथ-प्रदर्शक संत कबीर दासRead more

अंतरात्मा की आवाज

*अंतरात्मा की आवाज़* अंतरात्मा हमारे शरीर में विद्यमान वह सूक्ष्म अमूर्त सत्ता है जिसे अच्छा-बुरा, सही-गलत का स्पष्ट ज्ञान होता है और जो हमें निरंतर उच्च सिद्धान्तों के पथ पर… अंतरात्मा की आवाजRead more

चौथा प्रमाण

लघुकथा- “चौथा प्रमाण” ✍️सुरेश कुमार गौरव एक बार एक निजी स़ंस्था के अधिकारी को कार्यालय के लिए एक परिश्रमी और निष्ठावान सचिव की जरुरत पड़ी।उन्होंने इस बात का विज्ञापन कुछ… चौथा प्रमाणRead more