एक गाँव में दो सहोदर भाई थे। एक का नाम अमित और दूसरे का सुमित था। दोनों के बीच अच्छे रिश्ते थे। शादी के पहले आपसी संबंधों में इतनी प्रगाढ़ता… उदारता -अमरनाथ त्रिवेदीRead more
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तितली की उड़ान -स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्य ‘
मुहल्ले के एक चौराहे पर केशव तन्मयता से जूता-चप्पल मरम्मत करता था। जूता पालिश करता था। उसे अपने इस काम से शिकायत नहीं थी लेकिन बड़ी मुश्किल से गुजर -बसर… तितली की उड़ान -स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्य ‘Read more
वो दिन -रामपाल प्रसाद सिंह ‘
दिन 1982- 84 का समय-काल जब मैं अनुग्रह नारायण सिंह कॉलेज बाढ़ में विज्ञान-संकाय का छात्र था, आज के परिप्रेक्ष्य में उस काल को देखता हूॅं तो शिक्षा का स्तर… वो दिन -रामपाल प्रसाद सिंह ‘Read more
बाल कथा – निधि चौधरी
चंचल वन में जलेबी दौड़ का आयोजन किया गया। राजा शेर सिंह ने सभी जानवरों को कबूतर काका द्वारा यह संदेश भिजवाया। सभी जानवरों में उत्साह का माहौल था। खेल… बाल कथा – निधि चौधरीRead more
आजादी छोटू की-लवली कुमारी
भोंदू – भोंदू यह आवाज विधालय के बच्चों की ओर से आ रही थी , छोटू के लिए । छोटू जो एक नीचे जाति का बच्चा था, सभी उसे देखकर… आजादी छोटू की-लवली कुमारीRead more
गणवेश- मनोज कुमार
गणवेश; यह वह आवरण है जो हमारी कई पृष्टभूमि को ओझल कर देती है। यह हमारी ज्ञान रूपी गाड़ी को पटरी पर सीधे दौड़ने के लिए आधार प्रदान करती है।… गणवेश- मनोज कुमारRead more
सहपाठी का हृदय परिवर्तन (संस्मरण)
सुरेश कुमार गौरव
बात उस समय की है जब मैं दस वर्ष का था। और 1978 का साल था। तब मैं पंचम वर्ग में पढ़ता था। जहां तक मुझे याद है मेरे वर्ग… सहपाठी का हृदय परिवर्तन (संस्मरण)
सुरेश कुमार गौरवRead more
मैं नालायक नहीं- श्री विमल कुमार”विनोद
जीवन की वास्तविकता पर आधारितश्री विमल कुमार”विनोद”लिखित लघुकथा।सोहन नामक एक छोटा सा बालक जो कि परिवार का एकलौता,दुलारा पोता है।परिवार में पोता के आगमन होने के कारण घर के सभी… मैं नालायक नहीं- श्री विमल कुमार”विनोदRead more
सच्ची घटना- दया शंकर गुप्ता
शाम के 7 बजे होंगे, अंश की माँ खाना बनाकर जब बाहर के रूम में बच्चों के पास आई तो देखी कि सबसे छोटा लड़का नहीं है। उसने अंश से… सच्ची घटना- दया शंकर गुप्ताRead more
जीवन-संगिनी–श्री विमल कुमार “विनोद”
संक्षिप्त सार-एक छोटा सा बालक जिसका नाम रामू है कि कहानी जो कि अभी अपनी शैशवावस्था की चहारदीवारी भी पार नहीं कर पाया था कि बदनसीबी ने इसे अपनी जाल… जीवन-संगिनी–श्री विमल कुमार “विनोद”Read more