छठ मेला
आदित्य, बिट्टू, पवन, विकास, राजू, बबलू, दिनेश, सुरेश, लक्ष्मण, रहीम, अमन एवम रोहित रा. मध्य विद्यालय तंगौल हाजीपुर में पढ़ते थे। सभी विद्यालय में एक दूसरे के प्रति मित्रवत व्यवहार करते थे। कोविद १९ वायरस के कारण पूरे देश में महामारी रोग कोरोना फैला हुआ था। विद्यालय छोटे-छोटे मासूम बच्चों के लिए बंद था। बच्चें घर पर ही ऑनलाईन दूरदर्शन के माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। बच्चें घर पर रहते-रहते उब सा गए थे। महामारी के कारण विद्यालय द्वारा परिभ्रमण कार्यक्रम रद्द था। बच्चे लोग अपने माता-पिता के साथ हरिहर क्षेत्र मेला सोनपुर घूमने जाते थे। मेला में बच्चें माता म-पिता के साथ गाय, बैल, भैंस, हाथी, घोड़ा, उँट, सर्कस एवं प्रदर्शनी देखते थे परंतु महामारी के कारण सोनपुर मेला कार्यक्रम रद्द था।
आदित्य, बिट्टू, पवन, राजू, बबलू, कल्पना, दिनेश, सुरेश, रहीम, लक्ष्मण अमन एवम रोहित मायूस सा दिख रहे थे। सभी बच्चें एक ही मुहल्ले में रहते थे। मुहल्ले वासियों ने पृथक में रहते हुए, मुख पर मास्क लगा मुहल्ले में ही छोटा पोखर बना बिहार का चर्चित लोक पर्व छठ कार्यक्रम करने का निर्णय लिया। आदित्य ने अपने दोस्तों के साथ फोन के माध्यम से बातचीत द्वारा निर्णय लिया कि लोक पर्व छठ में मुहल्ले जहाँ पर छोटा पोखर बना छठ पर्व कार्यक्रम होगा उसी जगह पर हम लोग आइसोलेशन का पालन करते हुए मुख पर मास्क लगा बाल मेला लगाएँगे जिसका नाम छठ मेला रखा जाएगा। मोहल्ला के लोग छोटा पोखर बना छठ पर्व मना रहे थे जबकि आदित्य एवम उसके साथी छठ मेला लगा रखे थे। इस मेले में आदित्य ने वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, मिट्टी प्रदूषण, सामाजिक प्रदूषण की प्रदर्शनी लगाई। बिट्टू ने जल चक्र की प्रदर्शनी लगाई। पवन ने आपदा के कारण एवम बचाव की प्रदर्शनी लगाई। रोहित ने बाल विवाह एवम दहेज प्रथा को रोकने संबंधित प्रदर्शनी लगाई जबकि अमन ने कोविड १९ क्या है, इस महामारी से कैसे बचें की प्रदर्शनी लगाई।विकास ने स्वच्छता अभियान को रेखांकित करती प्रदर्शनी लगाई। दिनेश, सुरेश एवम लक्ष्मण ने एक साथ चित्रकला प्रदर्शनी लगाई। रहीम ने बाल अधिकार एवम शिक्षा अधिकार को रेखांकित करता पोस्टर लगा रखा था।
कल्पना हारमोनियम पर छठ पर्व पर लोकगीत गा रही थी जबकि राजू एवम बबलू दिव्यांग एवम वृद्ध लोगों को छठ पर्व एवम छठ मेला दिखलाने में मदद कर रहे थे। विद्यालय के पोषक क्षेत्र के सभी छात्र /छात्राएँ एवम अभिभावक आईसोलेशन का पालन करते हुए मुख पर मास्क लगा बच्चों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी को देख रहे थे और सभी अभिभावक इस मेले की काफी तारीफ कर रहे थे।
सुधांशु कुमार चक्रवर्ती
स्टेशन रोड हाजीपुर
वैशाली, बिधन्यवाद
नोट- लेखक के स्वयं की रचना है।