मतभेद का परिणाम
एक बार एक जंगल के रास्ते एक गाड़ी गुजरी जिसके ऊपर कुल्हाड़ी लदी हुई थी। रास्ते से गुजरते देख जंगल के सम्पूर्ण वृक्ष चाहे वह छोटे हो या बड़े सभी घबरा गये। उत्तेजित होकर वे भागते हुए एक वृद्ध वृक्ष जो काफी अस्वस्थ अवस्था में गिरा पड़ा था उसके पास गए एवं सारा वृतांत सुनाने लगे। एक वृक्ष जो अभी यौवन अवस्था में गुजर रहा था कहने लगा कि दादा जब कोई एक लकड़हारा हमारे जंगल में आता है तो एक दिन में लगभग दस से बीस वृक्षों को नष्ट करता है लेकिन हमारे जंगल में एक गाड़ी कुल्हाड़ी आया है। लगता है कि सम्पूर्ण जंगल को नष्ट करने की योजना बनायी गयी है। इस पर वृद्ध वृक्ष ने कहा कि सर्वप्रथम यह देखकर आओ कि वह सिर्फ लोहे की कुल्हाड़ी है या उसमें लकड़ी का डंडा भी लगा हुआ है।
उस वृक्ष ने जाकर देखा बताया कि नहीं वे केवल लोहे के बने कुल्हाड़ी ही है उसमें कोई बेंत अर्थात डंडा नहीं लगा है। इसपर बूढ़े वृक्ष ने जवाब दिया कि तुम सब अपने-अपने जगहों पर लौट जाओ। इससे हमें किसी भी प्रकार का खतरा नहीं है क्योंकि अपने से ही अपने को खतरा रहता है। यदि हममें से कोई उस कुल्हाड़ी में नहीं है तो हमें कोई नुकसान नहीं होगा।
इस लघु कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि लोग दुश्मन से सतर्क रहते हैं लेकिन अपनों से बेपरवाह रहते हैं। यही खतरा का कारण बनता है। यदि अपने दुश्मनी न रखें तो समाज में कोई मतभेद नहीं होगा।
सीखो
यदि आकाश को छुना चाहते हो,
मिट्टी पर पैर जमाना सीखो,
कल्पना व्यर्थ के बदले,
सच्चाई को अपनाना सीखो।
भाग्य-दुर्भाग्य कुछ भी नहीं,
आत्म-बल मनुष्य का धन है,
आत्म-बल और बाहुबल से,
सपनों का भवन बनाना सीखो।
जीवन सच्चा और सुन्दर हो,
खुशियों से भरा हर क्षण हो,
वक्त हमेशा एक सा नहीं होता,
बुरे वक्त को भूल जाना सीखो।
शिक्षक का नाम = मो. उमर
विद्यालय का नाम = रा. प्रा. वि. कपरधिक्का
प्रखण्ड का नाम = बगहा-01
जिला का नाम = प. चम्पारण
राज्य का नाम = बिहार
पता = ग्राम-बसंतपुर, पोस्ट-सिसवा बसंतपुर,
थाना=चौतरवा, भाया= लौरिया, जिला=प0 चम्पारण
राज्य = बिहार, पिन कोड = 845453