एक बार एक बहेलिया भगवान महावीर के पास आया और बोला-भगवन! मैं आपके धर्म में शामिल होना चाहता हूं और आपसे दीक्षित होना चाहता हूं। भगवान महावीर ने कहा –… अहिंसा परम धर्म है- मनु कुमारीRead more
नई शिक्षा नीति 2020 और उनके मायने- आशीष अम्बर
परिचय – शिक्षा पूर्ण मानव क्षमता को प्राप्त करने, एक न्यायसंगत और न्यायपूर्ण समाज के विकास और राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए मूलभूत आवश्यकता है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुंच… नई शिक्षा नीति 2020 और उनके मायने- आशीष अम्बर Read more
छाँव की पंचायत- सुरेश कुमार गौरव
गर्मी की तपती दोपहर थी। खेतों के किनारे सात-आठ वृक्षों के झुंड छाया बिखेर रही थी। उनकी शाखाएँ ऐसे फैलीं मानो प्रकृति ने अपना आँचल फैला दिया हो। उसी घनी… छाँव की पंचायत- सुरेश कुमार गौरव Read more
सम्राट अशोक मौर्य : युद्ध से धम्म तक की यात्रा- सुरेश कुमार गौरव
भारतवर्ष के इतिहास में जब भी एक ऐसे सम्राट की चर्चा होती है जिसने केवल तलवार की धार से नहीं, बल्कि करुणा, शांति और नैतिकता के मूल्यों से सम्पूर्ण राष्ट्र… सम्राट अशोक मौर्य : युद्ध से धम्म तक की यात्रा- सुरेश कुमार गौरवRead more
ज्ञान की सच्ची पहचान- सुरेश कुमार गौरव
गाँव के एक सरकारी विद्यालय में रमेश नाम के शिक्षक अन्य शिक्षकों की तरह वे भी पढ़ाते थे। उसकी सादगी, लगन और शिक्षण शैली के कारण बच्चे उसे बहुत पसंद… ज्ञान की सच्ची पहचान- सुरेश कुमार गौरवRead more
बच्चों की होली- लवली कुमारी
अरे मुझे नहीं देखो -देखो इसे लगाओमोहन ,राजा, मीना ,गीता आज विधालय में बहुत मस्ती कर रहे थे। क्योंकि कल होली जो है।सभी बच्चे एक -दूसरे को रंग,अबीर लगा कर… बच्चों की होली- लवली कुमारीRead more
जोगीरा सा…रा..रा..रा- अरविंद कुमार
कार्यालय में होली की छुट्टी हुई , तो मन बिजली की रफ्तार से गांव पहुंच गया । और फिर याद आने लगे गांव की पगडंडी, खेत- खलिहान, गर्दन ऊंचा कर… जोगीरा सा…रा..रा..रा- अरविंद कुमारRead more
संध्या पाठशाला – धीरज कुमार
बात आज से लगभग तीन वर्ष पहले की है। ठंडी की शुरुआत हो चुकी थी।शादी विवाह में बजने वाला शोर समाप्त हो चुका था। दिसम्बर महीने का अंतिम सप्ताह चल… संध्या पाठशाला – धीरज कुमारRead more
कृतघ्नता – अमरनाथ त्रिवेदी
बचपन में माता-पिता से किसे प्यार नहीं होता परन्तु जब बालक वयस्क बन जाता है और उसकी शादी हो जाती है तब विरले ही ऐसे संतान होते हैं जो माता-पिता… कृतघ्नता – अमरनाथ त्रिवेदीRead more
परोपकार का प्रतिफल – अमरनाथ त्रिवेदी
अमीर लोगों को लगता है कि मैं बड़ा हूँ। अधिक पढ़े लिखे लोगों को लगता है कि मैं किसी से कम नहीं, परन्तु दिलचस्प बात यह है कि दरअसल बड़ा… परोपकार का प्रतिफल – अमरनाथ त्रिवेदीRead more