जीवन का दीपक- सुरेश कुमार गौरव

गाँव के अंतिम छोर पर एक टूटी-फूटी झोपड़ी में बुजुर्ग हरिश्चंद्र रहते थे। उम्र के अंतिम पड़ाव पर उनका न कोई संगी था, न कोई संतान। समय काल ने उनसे… जीवन का दीपक- सुरेश कुमार गौरवRead more

बिहार के अग्रणी योद्धा : बाबू वीर कुँवर सिंह- आशीष अम्बर

कुँवर सिंह का जन्म 23 अप्रैल 1780 ई . को भोजपुर जिले के जगदीशपुर गांव (आरा) में हुआ था । उनके पिता साहबजादा सिंह एक उदार स्वभाव के जमींदार थे… बिहार के अग्रणी योद्धा : बाबू वीर कुँवर सिंह- आशीष अम्बरRead more

रजिया की शादी- नीतू रानी

रजिया की माँ रजिया की शादी बारह वर्ष में करवा देना चाहती थी। यानी कि “बाल विवाह”, क्योंकि अगर रजिया पंद्रह, सत्रह साल की हो जाएगी तो उसके लायक लड़का… रजिया की शादी- नीतू रानीRead more

भोजन की बर्बादी कैसे रोकें?- मनु कुमारी

किसी भी आयोजन में, चाहे शादी हो, विवाह हो, मुंडन हो या मृत्यु भोज हो, किसी भी तरह का आयोजन हो-सभी आयोजनों में भोजन बनाने में काफी पैसे खर्च होते… भोजन की बर्बादी कैसे रोकें?- मनु कुमारीRead more

हिंदी में रोजगार की संभावनाएं- आशीष अम्बर

हिंदी हमारे देश की राजभाषा है। आज हिंदी भाषा के बढ़ते चलन और वैश्विक रूप ने रोजगार की अनेक संभावनाओं को उजागर किया है। विविध क्षेत्रों में इसकी स्वीकृति और… हिंदी में रोजगार की संभावनाएं- आशीष अम्बरRead more

सुंदर लिखावट कला या विज्ञान- अरविंद कुमार

महात्मा गांधी ने कहा था खराब लिखावट अधूरी शिक्षा की निशानी है। दरअसल उनकी लिखावट अच्छी नहीं थी और इस बात का अफसोस उन्हें जीवनपर्यंत होता रहा। हम सब भी… सुंदर लिखावट कला या विज्ञान- अरविंद कुमारRead more

पेड़-पौधों में भारत विश्व में दसवें स्थान पर-सुरेश कुमार गौरव

इस लेख को तैयार करने के बाद ज्ञात हुआ कि विश्व में लगभग तीन ट्रिलियन से अधिक पेड़ हैं। लेकिन सभ्यता की शुरुआत के बाद से मनुष्यों द्वारा 47% पेड़ों… पेड़-पौधों में भारत विश्व में दसवें स्थान पर-सुरेश कुमार गौरवRead more

साहसिक सफलता की कहानी-डॉ स्नेहलता द्विवेदी “आर्या”

दिनभर की थकान के उपरांत भोजन और फिर सोने का समय।आँखों में गहरी नींद छाई हुई थी। हमसब अपने बिस्तर की ओर जा रहे थे। बच्चे सो गए थे। गाँव… साहसिक सफलता की कहानी-डॉ स्नेहलता द्विवेदी “आर्या”Read more

लोग का कही: सामाजिक परिवर्तन का संदेश- मो. ज़ाहिद हुसैन

सामाजिक परिवर्तन कैसे लाया जा सकता है? सामाजिक कुरीतियों और रूढ़ियों को कैसे तोड़ा जा सकता है? इस सवाल का जवाब प्रस्तुत करता हैं, डॉ. लक्ष्मीकान्त सिंह का उपन्यास ‘लोग… लोग का कही: सामाजिक परिवर्तन का संदेश- मो. ज़ाहिद हुसैनRead more

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