साहसी अनीश : सुमोना रिंकू घोष


अनीश के पिता फॉल्टि मंडल गुजरात में एक नमक की फैक्ट्री में काम करते हैं वहां वे मजदूरी करते हैं ।अनीश की मां एक ग्रहणी है जो कुशलता पूर्वक अपना घर चलाती है अनीश अपने पांच भाइयों में से तीसरे नंबर पर है।
अनीश की बड़ी मां विद्यालय की रसोइया है।
अनीश नियमित रूप से विद्यालय आता है और विद्यालय के सभी गतिविधियों में बढ़-चढ़कर भाग लेता है विद्यालय में प्रतिदिन पढ़ाई के साथ-साथ अन्य जो भी सह शैक्षणिक गतिविधियां होती हैं जिनमें अनीश पूरी तल्लीनता से भाग लेता है।
प्रत्येक शनिवार को सुरक्षित शनिवार के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की आपदाओं चाहे वह सामाजिक कुरीतियां जैसे बाल विवाह,बाल श्रम हो, कोई प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़,भूकंप आदि हो या मानव जनित आपदा जैसे सड़क दुर्घटना या बम विस्फोट हो या किसी संक्रामक रोगों जैसे डायरिया,निमोनिया आदि हो ,किसी न किसी निर्धारित आपदा पर बच्चों को बचाव के तरीके बताए जाते हैं।
अनीश कक्षा में बताए गए सभी बातों को बड़े ध्यान से सुनता है और उन पर आवश्यकता पड़ने पर अमल भी करता है।
विद्यालय के आसपास कई तालाब नुमा गड्ढे हैं जो जलकुंभी से आच्छादित है ।ये गड्ढे बड़े ही खतरनाक है यदि कोई इनमें गिर जाए तो बाहर से दिखाई भी न दे।
एक दिन तेज बारिश हो रही थी और सुरक्षित शनिवार के अंतर्गत बच्चों को डूबने से बचाव और सुरक्षित नौकायन के बारे में बताया जा रहा था सभी बच्चे बड़े ध्यान से सारी बातों को समझ रहे थे।
विद्यालय की प्रधान शिक्षिका जो की आपदा प्रबंधन की राज्य स्तरीय मास्टर प्रशिक्षक भी है बच्चों को डूबते व्यक्ति को बचाने के तरीके का मॉक ड्रिल भी करवा रही थी जबकि विद्यालय के अन्य शिक्षक गण बच्चों को अनुशासित रखने में मदद कर रहे थे।बच्चों को बताया जा रहा था कि यदि कोई डूब रहा हो तो उसे हाथ ऊपर करके बचाव बचाव की आवाज देनी चाहिए और यदि कोई राहगीर इस प्रकार की आवाज सुने तो यदि वह तैरना नहीं जानता है तो कभी पानी में न उतरे बल्कि आसपास पड़े हुए किसी डंडे या रस्सी को डूबते व्यक्ति की तरफ फेंके और उसे पकड़ने के लिए कहे, जब डूबने वाला व्यक्ति रस्सी या डंडे को पकड़ ले तो उसे खींचकर बाहर निकाल लें।
यदि बचाने वाले व्यक्ति को तैरना आता है तो वह पानी में कूद कर डूबते व्यक्ति को पीछे की ओर से सहारा देते हुए बाहर निकाल ले।
विद्यालय में होने वाली गतिविधि में सभी शिक्षक गण और रसोइया भी सहयोग कर रही थीं।

विद्यालय के वर्ग कक्षों में मॉकड्रिल चल रहा था और बाहर तेज बारिश हो रही थी।
वर्षा के जल से और आस पास के जल के बहाव के कारण सारे तालाब लबालब भर गए थे और सड़क पर भी पानी भर गया था।
विद्यालय में छुट्टी के बाद सारे बच्चे घर जा रहे थे तभी दो छोटी बच्चियां अनु प्रिया और राधिका जिन्होंने दो दिन पूर्व ही विद्यालय में नामांकन लिया था वे उत्सुकता वश या अज्ञानता वश तालाब के पास चली गई और उनमें से एक छात्रा अनुप्रिया का
पैर फिसल गया और वह तालाब में गिर कर जलकुंभियों में फंस गई।
दूसरी छात्रा राधिका कुमारी ने अनुप्रिया का हाथ पकड़कर सहारा देना चाहा परन्तु वह भी गिर गई।
अनीश भी अपनी ही धुन में विद्यालय से घर जा रहा था गीत गाता,गुनगुनाता हुआ तभी उसकी नजर उन दोनों बच्चियों पर पड़ी जो पानी में हाथ पैर मार रही थी। अनीश को कक्षा में पढ़ाए गए पाठ और कराए गए मॉक ड्रिल का स्मरण हो आया क्योंकि उसने अभी तुरंत ही तो मॉक ड्रिल में भाग लिया था उसने आसपास नजर दौड़ाई उसे एक लकड़ी का टुकड़ा दिखाई पड़ा उसने तुरंत लकड़ी उठाकर डूबती छात्राओं की ओर बढ़ाया और उसे पकड़ने के लिए कहा परन्तु बच्चियां अनीश के इशारे को समझ नहीं सकीं। यद्यपि अनीश को तैरना आता था ,उनने बिना समय गंवाए तालाब में छलांग लगा दी और जलकुंभी में फांसी डूबती बच्चियों को खींचकर बाहर निकाला।
पूरे गांव में आग की तरह बात फैल गई कि विद्यालय की दो छात्राएं डूब गईं हैं।
खबर प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी तक पहुंच गई।
प्रखंड विकास पदाधिकारी ने अविलंब स्थिति की जांच हेतु श्रीमान प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को विद्यालय भेजा।
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने विद्यालय जाकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए और अनीश की बहादुर की प्रशंसा की।
विद्यालय की प्रधान शिक्षिका ने अनीश की बहादुरी और दो छात्राओं अनुप्रिया और राधिका के सुरक्षित बचने की कहानी बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को भेजी।
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष महोदय एवं अन्य गण मन्य लोगों ने अनीश की भूरि – भूरि प्रशंसा की श्रीमान उपाध्यक्ष महोदय ने प्राधिकरण के सभागार में अनीश की बहादुर के लिए दिनांक 13 अगस्त 2025 को अनीश को 2100 रुपए का चेक , प्रशस्ति पत्र और अन्य उपहार देकर पुरस्कृत किया साथ ही उसे प्रशिक्षित करने वाली शिक्षिका श्रीमती सुमोना रिंकू घोष को भी 1100 रुपए का चेक,अंग वस्त्र ,प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान कर पुरस्कृत किया गया।
श्रीमान जिला शिक्षा पदाधिकारी ,भागलपुर ने भी अनीश को बाल दिवस के अवसर पर पुरस्कृत करने की घोषणा की है।

सुमोना रिंकू घोष

प्राथमिक विद्यालय मंडलटोला, तुलसीपुर, खरीक, भागलपुर

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