डी.के. हॉस्पिटल पूर्णियां की दूसरी मंजिल के डायलिसिस वार्ड में मनोज नर कंकाल की तरह मोटे बेड पर लेटा हुआ था । उसके गर्दन से एक पीड़ादायक नेक लाइन बाहर… बैड नम्बर सिक्स : अरविंद कुमारRead more
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छात्रों द्वारा शिक्षक का अनुकरण : नेहा कुमारी
आज भी याद है मुझे वो दिन जब मैंने विद्यालय में योगदान लिया और सभी रसोईया, अभिवावकों ने मुझे देख कर सोचा कि ये कम उम्र की पतली दुबली लड़की… छात्रों द्वारा शिक्षक का अनुकरण : नेहा कुमारीRead more
दशहरा का कपड़ा : अरविंद कुमार
रानीगंज भरगामा मोड़ से लेकर फारबिसगंज वाली रोड के पेट्रोल पंप तक तथा इधर अररिया वाली रोड में काली मंदिर से रानीगंज बस स्टेंड तक गाड़ी चुट्टा पिपरी की तरह… दशहरा का कपड़ा : अरविंद कुमारRead more
बच्चों को सीख : रूचिका
खेल के मैदान में सारे बच्चे व्यस्त थे। एक टोली कबड्डी खेल रहा था तो दूसरी टोली खों-खों। कुछ बच्चे यूँही आपस में एक दूसरे को भगा रहे थे।बच्चों की… बच्चों को सीख : रूचिकाRead more
रूप बड़ा या गुण : आशीष अम्बर
बात पुराने समय की है। किसी राज्य में एक बादशाह थें। उन्हें अपने राज – काज चलाने में कठिनाई हो रही थी । जिसके कारण उन्होंने मंत्री की बहाली की… रूप बड़ा या गुण : आशीष अम्बरRead more
मास्टर साहब : डॉ स्नेहलता द्विवेदी
रमेश और सुरेश दोस्त है। दोनो ने साथ में पढ़ाई की और एक साथ पले बढ़े। दोनों आज भी सम्पर्क में हैं,और परिवार से परिपूर्ण हैं सुखी है लेकिन दोनों… मास्टर साहब : डॉ स्नेहलता द्विवेदीRead more
असली तोहफा : रूचिका
विद्यालय में उत्सव का माहौल था।बच्चे शिक्षक दिवस की तैयारियों में लगें थें। कहीं कुछ बच्चे गुब्बारे में हवा भर रहे थे तो कहीं बच्चे रंगोली बना रहे थे। एक… असली तोहफा : रूचिकाRead more
कीमती उपहार (शिक्षक दिवस) : लवली कुमारी
आज विद्यालय में काफी चहल- पहल थी। बच्चे काफी खुश दिखाई दे रहे थे, कारण कल शिक्षक दिवस था। सभी बच्चे शिक्षक दिवस की तैयारी में जुट गए थे। सभी… कीमती उपहार (शिक्षक दिवस) : लवली कुमारीRead more
दो टुकड़े वाली नोट : अरविंद कुमार
बचपन में रामू महतो और मनोहर सिंह के बीच दांत कटी दोस्ती थी, ना जात का बंधन ना अमीरी का रोब प्राथमिक विद्यालय भरगामा में दोनों साथ पढ़ते थे। उस… दो टुकड़े वाली नोट : अरविंद कुमारRead more
स्त्री का दर्द : रूचिका
सरिता जी की कामवाली सरला आज फिर देर से आई। सरिता जी ने कहा, “सरला,आज फिर तूने देर कर दी जबकि कल ही मैंने कहा था जरा जल्दी आना, कुछ… स्त्री का दर्द : रूचिकाRead more