विश्व हाथ धुलाई दिवस-एम एस हुसैन कैमूरी

विश्व हाथ धुलाई दिवस

          प्रत्येक साल 15 अक्टूबर को विश्व हाथ धुलाई दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर विद्यालय एवं दीगर संस्थाओं में भी हाथ धुलाई कार्यक्रम आयोजित किया जाता है । इसमें हाथ धुलाई के उचित तरीकों को बताया जाता है । हाथ धोने से होने वाले फायदे के साथ साथ हाथ नहीं धोने से होने वाले नुकसान को बताया और समझाया जाता है । इसका मुख्य उद्देश्य होता है कि हमारे हाथ के अंदर छुपे हुए जर्मस ( किटाणुओं) को दूर किया जा सके क्योंकि ज्यादातर बीमारी हमारे हाथ से ही उत्पन्न होकर हमारे शरीर में प्रवेश करती है । जिससे हमें तरह-तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है ।

          विशेषज्ञ बताते हैं कि स्वच्छ हाथ ही हमारे स्वस्थ और सुरक्षित जीवन की कुंजी है। वे बताते हैं कि ज्यादातर मामलों में बच्चों के हाथ गन्दे होने से ही बीमारियों के रोगाणु ( रोग उत्पन्न करने वाले कीटाणु ) उनके शरीर में प्रवेश करते हैं और वह शरीर में रोग उत्पन्न करने लगते हैं। जो बच्चे साफ-सफाई का ध्यान रखते हुए नियमित इस आदत का पालन करते हैं उनमें बीमारियों की सम्भावना भी कई गुना तक कम हो जाती है साथ ही उनमे रोग प्रतिरोधक यानी रोगों से लड़ने की क्षमता भी काफी हद तक बढ़ जाती है। कई कुपोषित बच्चों में भी देखा गया है कि साफ-सफाई के अभाव तथा हाथ सही ढंग से नहीं धोने से वे संक्रमण का शिकार हो जाते हैं और दिन-ब-दिन बीमार रहने लगते हैं। इनका शरीर कमजोर होने लगता है और धीरे-धीरे ये गम्भीर रोगी होकर एक दिन मौत की नींद सो जाते हैं।

          हाथ धुलाई की वैश्विक मुहिम के तहत बीते साल 15 अक्टूबर 2014 को मध्यप्रदेश सरकार ने भी ग्रिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में जगह बनाने के लिए अपने 51 जिलों के 13 हजार 196 स्कूलों में एक साथ एक समय पर 12 लाख 76 हजार 425 बच्चों के हाथ धुलवाए और इसकी प्रदेशभर में वीडियोग्राफी भी कराई गई। इससे पहले 14 अक्टूबर 2011 को अर्जेंटीना, पेरू और मेक्सिको इन तीनों देशों में 7 लाख 40 हजार 820 लोगों ने हाथ धुलाई की थी।

          हाथ धुलाई की बात तो बहुत ही छोटी है इसे हर कोई आसानी से कर सकता है परंतु इसके साथ विवशताएँ भी हैं। हम बात करते हैं वैसे परिवेश की या वैसे लोगों की जिनके पास खाने के लिए 2 जून की रोटी नहीं होती उनके बच्चे भूख से बिलखते रहते हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें अगर कोई खाने की चीज दिख जाती है मिल जाती वह उसे अपना भाग्य समझ कर खा लेते हैं। वह हाथ धोने को नहीं देखते हैं क्योंकि उसे तो कई दिनों से भूख लगी होती है । ऐसा करने से उसमें संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है और कुछ बच्चे बीमार भी हो जाते हैं।कुछ बच्चे तो कुपोषण का शिकार भी हो जाते हैं । इनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती है कि वह अपने बच्चे को यथोचित इलाज करा सके । कुछ बच्चे इलाज के अभाव में दम तोड़ देते हैं ।

          हर साल तो 15 अक्टूबर को विश्व हाथ धुलाई दिवस के अवसर पर विद्यालय में हाथ धुलाई कार्यक्रम आयोजित की जाती है और मध्यान्ह भोजन से पहले बच्चों को सही ढंग से हाथ धुलाया जाता है इसके बाद बच्चे मध्यान्ह भोजन करते हैं परंतु इस साल वैश्विक महामारी के चलते विद्यालय बंद होने के कारण *मेरा घर मेरा विद्यालय* के तहत बच्चों को घर पर रहकर ही करना है ।

हमारा कर्तव्य

* हमें हाथ धुलाई को अपनी आदत में शामिल करना चाहिए ।

* हमें खाने से पहले और शौच के बाद साबुन से हाथ को अच्छी तरह से धोना चाहिए ।

* हमें बच्चों को कुछ भी खिलाने से पहले अपना और बच्चों का हाथ धोना चाहिए ।

* हमें ख़ासकर बच्चों पर हाथ धोने के प्रति ध्यान रखना चाहिए ।

* हमें हाथ धोने के प्रति जागृत होना चाहिए ।

एम० एस० हुसैन “कैमूरी”
शिक्षक
उत्क्रमित मध्य विद्यालय
छोटका कटरा
मोहनियां कैमुर बिहार

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One thought on “विश्व हाथ धुलाई दिवस-एम एस हुसैन कैमूरी

  1. आपका सहृदय आभार
    टीम टीचर्स आफ बिहार
    🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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