रिशु जो दस साल का एक बालक था, स्वभाव से काफी शरारती था। रिशु को खाने-पीने में काफी नखरा था। कभी भी वो खाना अच्छी तरह से नहीं खाता था।… अन्न का महत्व – कुमकुम कुमारीRead more
Author: Anupama Priyadarshini
धरती रो पड़ेगी – संजीव प्रियदर्शी
रमिया और टुनका दहाड़ें मार कर रो रहे थे। रोते भी क्यों नहीं, जिगर का एक ही तो टुकड़ा था जिसे गंगा मैया ने अपने ओद्र में समा लिया था।टुनका… धरती रो पड़ेगी – संजीव प्रियदर्शीRead more
हिन्दी भारत की शान
हिन्दी सबकी शान है, सभी करें सम्मान।भाषा है प्यारी सुघड़, सरल सुगम गुण खान।।वस्तुत: हिन्दी भारत की शान है। इसकी भाषा सुघड़ (सुन्दर) और प्यारी है ही, सरल, सुगम तथा… हिन्दी भारत की शानRead more
संत रविदास – डॉ पुनम कुमारी
संत शिरोमणि रविदास रामानंद के शिष्य परंपरा के एक ऐसे कवि थे जिनमें निर्गुण भक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी थी। हिंदी भक्ति कालीन साहित्य में निर्गुण धारा के कवि… संत रविदास – डॉ पुनम कुमारीRead more