अब क्या होगा श्री विमल कुमार “विनोद”

गाँव-गंवई भाषा में समय की वास्तविकता पर आधारित लघुकथा।संक्षिप्त सार-जानवरों की चौपाल जिसमें कुत्ते,बिल्ली, कौआ,मैनागाय,बैल,भेड़-बकरी सारे चिंतित नजर आ रहे हैं।इसी बीच एक सूट-बूट पहना जेनटलमेन आॅटोरिक्शा से उतर कर… अब क्या होगा श्री विमल कुमार “विनोद”Read more

जीत की हार-संजीव प्रियदर्शी

मनोहर अपनी बूढ़ी मां को कोर्ट के फैसले की प्रतिलिपि दिखाते हुए जरा हास मुख से बोला- ‘ मां,देखो न! हमने मुकदमा जीत लिया है।आज हमारे लिए बेहद खुशी के… जीत की हार-संजीव प्रियदर्शीRead more

जनसंख्या-विस्फोट

कास्टिंग दृश्य-शहर के चौक का दृश्य।समय-एक बजे दिन।(बहुतसारे बच्चे हाथों में कटोरा में रखीभोजन को खाने के लिये छीना-झपटी कर रहे हैं)।हमको खाने दो,भूख लगी है।भूख से मेरी जान निकली… जनसंख्या-विस्फोटRead more

सवाल-कुमारी निरुपमा

सवाल वंदना आज जब विद्यालय से लौटी तो काफी परेशान थी।उसका चेहरा तमतमाया हुआ था। मां ने वंदना से चाय पीते समय पूछा कि आज तुम बहुत परेशान क्यो हो?… सवाल-कुमारी निरुपमाRead more