शुभस्य शीघ्रं अशुभस्य कालहरणम् -गिरीन्द्र मोहन झा

रावण के द्वारा दी गयी शिक्षा शुभस्य शीघ्रं अशुभस्य कालहरणम्(शुभ कार्य जब मन में आए तो उसे शीघ्र कर लो, अशुभ जब मन में आए तो उसे टालते चले जाओ।)… शुभस्य शीघ्रं अशुभस्य कालहरणम् -गिरीन्द्र मोहन झाRead more

योग बिना जीवन बेकार-शशिकान्त वर्मा

योग बिना जीवन बेकार युग-युग की यही पुकार, योग बिना जीवन बेकार। जो नहीं योग करता, दिन-प्रतिदिन रोग गढ़ता। मोटापा, बीपी, शुगर, इससे वह नही बचता।। समय मिले न घड़ी… योग बिना जीवन बेकार-शशिकान्त वर्माRead more

“योग “मनुष्य मात्र का जीवन लक्ष्य – रौशन वर्मा

जन ‐जन के मन में , प्रज्जवलित हो दीप योग का । रहे रोग -मुक्त मानव-समाज और कल्याण हो विश्व का । तन निरोगी, मन निरोगी, आत्मा का कण-कण निरोगी… “योग “मनुष्य मात्र का जीवन लक्ष्य – रौशन वर्माRead more

एक चक्कर मे योग की समझ

भभुआ शहर में एक प्राथमिक विद्यालय में विकास कुमार और कृष्ण कुमार नाम के दो शिक्षक पढ़ाते थे।दोनो की उम्र लगभग समान ही थी। कृष्ण कुमार हमेशा खुश रहते थे… एक चक्कर मे योग की समझRead more

लक्ष्य बिना जीवन बेकार-श्री विमल कुमार “विनोद”

प्रत्येक जीव के जीवन जीने का अपना लक्ष्य होता है ,जिस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वह प्रयास करता है ।अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिये वह लगातार संघर्ष करता… लक्ष्य बिना जीवन बेकार-श्री विमल कुमार “विनोद”Read more

हिन्दी भाषा और हमारी सोंच-श्री विमल कुमार

बच्चा जब जन्म लेता है,उसके बाद धीरे-धीरे उसका विकास होता है,जिसमें बच्चा जन्म लेने के बाद सबसे पहले रोना,चूसना और कपड़ा गीला करना ही जानता है।उसके बाद विकास की गति… हिन्दी भाषा और हमारी सोंच-श्री विमल कुमारRead more

नदी का धार्मिक दृष्टिकोण से महत्व

“नदी का धार्मिक दृष्टिकोण से महत्व” स्थूल दृष्टिकोण से पृथ्वी के प्राकृतिक तथा भौतिक घटकों जैसे हवा,जल ,मृदा,वनस्पति को पर्यावरण का प्रतिनिधि माना गया है।ये घटकें मनुष्य को चारों ओर… नदी का धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वRead more

अब क्या होगा श्री विमल कुमार “विनोद”

गाँव-गंवई भाषा में समय की वास्तविकता पर आधारित लघुकथा।संक्षिप्त सार-जानवरों की चौपाल जिसमें कुत्ते,बिल्ली, कौआ,मैनागाय,बैल,भेड़-बकरी सारे चिंतित नजर आ रहे हैं।इसी बीच एक सूट-बूट पहना जेनटलमेन आॅटोरिक्शा से उतर कर… अब क्या होगा श्री विमल कुमार “विनोद”Read more

जीत की हार-संजीव प्रियदर्शी

मनोहर अपनी बूढ़ी मां को कोर्ट के फैसले की प्रतिलिपि दिखाते हुए जरा हास मुख से बोला- ‘ मां,देखो न! हमने मुकदमा जीत लिया है।आज हमारे लिए बेहद खुशी के… जीत की हार-संजीव प्रियदर्शीRead more

जनसंख्या-विस्फोट

कास्टिंग दृश्य-शहर के चौक का दृश्य।समय-एक बजे दिन।(बहुतसारे बच्चे हाथों में कटोरा में रखीभोजन को खाने के लिये छीना-झपटी कर रहे हैं)।हमको खाने दो,भूख लगी है।भूख से मेरी जान निकली… जनसंख्या-विस्फोटRead more