बेटी की मुस्कुराहट-श्री विमल कुमार “विनोद”

संक्षिप्त सार- शमशान में एक लावारिश लड़की के लाश को जलाया जा रहा है।उसी समय उस रास्ते से मोहन और सोहनदो मित्र गुजर रहे हैं।मोहन अपने मित्र सोहन को कहता… बेटी की मुस्कुराहट-श्री विमल कुमार “विनोद”Read more

मंजर-श्री विमल कुमार

मंजर” में आम के मंजर से वसंत ॠतु के आवे के संकेत मिलऽ हे।कोयल के कूक के जेकरा वर्णन बहुत गीत मे भी कइल गेल हथऽ जेकरा में कि”कोयल जइसन… मंजर-श्री विमल कुमारRead more

पृथ्वी को बचाना-एक चुनौती पूर्ण कार्य-श्री विमल कुमार
“विनोद”

साधारणअर्थ में पृथ्वी जिसे पर्यावरण कहा जाता है जिसका शाब्दिक अर्थ है”परि”अर्थात बाहरी तथा आवरण का अर्थ हुआ ढका हुआ।दूसरे शब्दों में”किसी जीव को चारों तरफ से जो जैविक तथा… पृथ्वी को बचाना-एक चुनौती पूर्ण कार्य-श्री विमल कुमार
“विनोद”
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जीत की हार-संजीव प्रियदर्शी

मनोहर अपनी बूढ़ी मां को कोर्ट के फैसले की प्रतिलिपि दिखाते हुए जरा हास मुख से बोला- ‘ मां,देखो न! हमने मुकदमा जीत लिया है।आज हमारे लिए बेहद खुशी के… जीत की हार-संजीव प्रियदर्शीRead more