एक छोटा सा पैगाम TOB के नाम
बनाया हम शिक्षकों का एक सम्मान भरा परिवार
सजाया ज्ञान का एक सुंदर सा संसार
दिलाया हमें हमारा सम्मान संग अधिकार
शिक्षकों के ज्ञान का लोहा मनवाया
हमारी छुपी प्रतिभा से सबको अवगत कराया
प्रतिकूल परिस्थितियों से हमें लड़ना सिखाया
नव चेतना, नव ऊर्जा का कर संचार
दिया नित नए सार्थक आकार।
तो क्यूं न हो हमें इस अद्भुत, अलौकिक
TOB परिवार से प्यार!
सर्वप्रथम नमन, एक ऐसे मंच को जिसने हमें हमारी हीं प्रतिभा से मिलायामिलाया। एक ऐसा मंच जहां हम सभी खुलकर अपने मन की बात, अपनी जिज्ञासा को रख सकते हैं। एक ऐसा संसार रचा आपने जहां हम सब मिलकर इस सुंदर संसार में अपनी प्रतिभाओं के इंद्रधनुषी रंग भरते हैं और अपनी प्रतिभाओं को नित निखार रहे हैं ।
होती जहां सदैव ज्ञान की बातें, सीखने और सिखाने की बातें, हर समस्या का होता जहां पल में समाधान और मिलती जहां ज्ञान हीं ज्ञान।
एक ऐसा सुंदर संसार जिसे एक शिक्षक ने, शिक्षकों के लिए , शिक्षकों के हित में रचा। जिसका दिन-प्रतिदिन निरंतर ज्ञान के क्षेत्र में अनोखा विस्तार हो रहा है। जहां नित नए आयामों, नए क्रिया-कलापों द्वारा अपनी प्रतिभाओं को हम नई उड़ान देकर नई ऊंचाई प्रदान करते हैं। कौन जानता था कि ये मंच “मील का पत्थर” साबित होगा !
“मैं अकेले हीं चला था मगर लोग जुड़ते गए और कारवां बनता गया।”
इतना हीं नहीं यह मंच केवल शिक्षकों के लिए हीं लाभप्रद नहीं अपितु यहां बच्चे भी लाभान्वित हो रहे हैं। जो हम सबों के लिए सहर्ष गर्व की बात है। इस मंच से जुड़कर हीं हमें एक सार्थक पहचान मिली, जो वाकई सम्मान की बात है। यूं तो हम सभी शिक्षकगण अपने विद्यालय में निष्ठापूर्ण अपना कार्य संपादित कर रहे थे। किन्तु TOB ने हमें पुनः नई ऊर्जा प्रदान कर ऊर्जावान बना दिया। हमारे अंदर स्थापित ऊर्जा को पुनः जागृत कर हमारे अंदर एक नया जोश भर दिया। नई जोश, नव चेतना का नव निर्माण कर अपने कर्तव्य पथ पर अग्रसर होने का एक सुनहरा अवसर प्रदान किया। हम सभी शिक्षकगण को TOB पर नाज और गर्व है ।
कोरोना काल के विषम परिस्थितियों में भी हमारे हौसलों को बढ़ाया एवम् हमारे जीवन में नई उमंग भर दी। हमें एकता के एक सूत्र में बांधकर उस विषम परिस्थिति में भी अकेलापन महसूस नहीं होने दिया।
अंत में इस मंच का मैं सभी शिक्षकों की ओर से कोटि कोटि धन्यवाद अर्पित करती हूं, जिन्होंने हमें जीने का एक सार्थक और सटीक मार्गदर्शन कराया। इसी प्रकार TOB की दूसरी वर्षगांठ पर ये दुआ है मेरी रब से TOB के साथ हम नित नए आयामों को अंजाम देकर आसमां की नई बुलंदियों को छुए।
“अभी तो छुआ है एक टुकड़ा दोस्तों
अभी पूरा आसमां बांकी है।”
“अभी चर्चा हुआ हमारा आम
अभी पूरा जहान बांकी है ।
हमसभी को और TOB टीम को दूसरी वर्षगांठ की असीम शुभकामनाएं!
धन्यवाद TOB 🙏🙏
मधु कुमारी
कटिहार
बहुत सुंदर आलेख 👌👌
बधाई
Thank you madhu kumari ji. Your requirement for TOB is very must. Your every moment is very precious for us. Thank you.
बहुत सुंदर और सटीक अभिव्यक्ति।