जल संकट : समस्या और निदान : आशीष अम्बर

पानी की कमी सतत् विकास के लिए प्रमुख चुनौतियों में से एक है, क्योंकि पानी न केवल मानवता के लिए, बल्कि कृषि उत्पादन, खाद्य सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है और हमारे पारिस्थितिक तंत्र की जीवनधारा है । फिर भी , जनसंख्या वृद्धि और जलवायु परिवर्तन के कारण हमारे मीठे पानी के संसाधन चिंताजनक दर से कम हो रहें है । घरेलू एवं वैश्विक स्तर पर मीठे एवं पीने योग्य जल की माँग और पूर्ति में निरन्तर बढ़ता अंतराल मानव – जीव – जन्तुओं – वनस्पतियों के जीवित रहने तथा विकसित होने के समक्ष संकट उत्पन्न कर रहा है । कृषि और औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने के लिए भूमिगत जलस्रोतों के अंधाधुंध विदोहन ने जल स्तर को इस सीमा तक नीचे धकेल दिया है कि अनेक क्षेत्रों में इसकी निकासी भी संभव नहीं है । नदियों , प्राकृतिक झरनों और जलाशयों में लगातार गिरते अनुपचारित दूषित जल जो कई क्षेत्रों के नालों तथा औद्योगिक इकाइयों से आता है – ने इन जल स्त्रोतों के पानी को छूने लायक भी नहीं छोड़ा है , पीने की बात तो बहुत दूर है । असामयिक और अनियमित वर्षा से प्रति वर्ष नदियों में आने वाली विनाशकारी बाढ़ों का पानी बह कर समुद्रों में चला जाता है । आर्थिक शब्दावली में पानी सर्वोपकारी वस्तु ( मेरिट गुड ) है , इसलिए यह ‘ मुफ्तखोरी’ की समस्या से ग्रसित है ।

जल की बढ़ती माँग और बढ़ता जल प्रदूषण :-
बढ़ते शहरीकरण से पानी की माँग बढ़ रही है और अधिक अपशिष्ट जल उत्पन्न हो रहा है । कृषि, उद्योग और घरों जैसे विभिन्न क्षेत्रों को दुर्लभ जल संसाधनों के लिए मजबूत प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा ।

जलापूर्ति :-
वर्तमान में , 844 मिलियन लोगों के आबादी के 9 में से एक को अपने घरों से आधे घंटे के भीतर स्वच्छ , किफायती पानी तक पहुॅच नही रही है, और हर वर्ष S वर्ष से कम उम्र के लगभग 3,00,000 बच्चें गंदे पानी और खराब स्वच्छता से जुड़े दस्त से मर जाते हैं । जरूरतमंदों को पानी उपलब्ध कराना न केवल मानव सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है ।
जल की कमी को दूर करने के उपाय

  1. जल निस्पंदन प्रणाली का विकास करना ।
  2. जल प्रबंधन को बढ़ावा देना ।
  3. आर्द्र भूमियों की रक्षा करना ।
  4. जलाशयों में जल भंडारण बढ़ाना ।
  5. वर्षा जल को संरक्षित करना
    इत्यादि

निष्कर्ष :- हमारी आनेवाली पीढ़ी को जल संकट की समस्या से दो – चार होनी पड़ सकती है । इसलिए हमें यह निश्चय करना होगा कि जल संसाधन का संरक्षण किया जाए ।

आशीष अम्बर
( विशिष्ट शिक्षक )
उत्क्रमित मध्य विद्यालय धनुषी
प्रखंड – केवटी
जिला – दरभंगा
बिहार

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