राजू को समझ आई -कुमकुम कुमारी

(राजू नहाते हुए) माँ-माँनल से पानी नहीं आ रहा है! माँ- क्यों?नल को ठीक से खोलो।राजू- माँ नल खुला हुआ है। माँ- अरे तो फिर पानी क्यों नहीं आ रहा… राजू को समझ आई -कुमकुम कुमारीRead more

मैजिक का भ्रम -मीरा सिंह

अंशु कक्षा पांच का छात्र था। पढ़ाई में वह बहुत तेज था। परंतु इधर कुछ दिनों से वह खेल में ज्यादा रुचि लेने लगा था।इस बदलाव से उसके माता-पिता बहुत… मैजिक का भ्रम -मीरा सिंहRead more

अन्न का महत्व – कुमकुम कुमारी

रिशु जो दस साल का एक बालक था, स्वभाव से काफी शरारती था। रिशु को खाने-पीने में काफी नखरा था। कभी भी वो खाना अच्छी तरह से नहीं खाता था।… अन्न का महत्व – कुमकुम कुमारीRead more

धरती रो पड़ेगी – संजीव प्रियदर्शी

रमिया और टुनका दहाड़ें मार कर रो रहे थे। रोते भी क्यों नहीं, जिगर का एक ही तो टुकड़ा था जिसे गंगा मैया ने अपने ओद्र में समा लिया था।टुनका… धरती रो पड़ेगी – संजीव प्रियदर्शीRead more

हिन्दी भारत की शान

हिन्दी सबकी शान है, सभी करें सम्मान।भाषा है प्यारी सुघड़, सरल सुगम गुण खान।।वस्तुत: हिन्दी भारत की शान है। इसकी भाषा सुघड़ (सुन्दर) और प्यारी है ही, सरल, सुगम तथा… हिन्दी भारत की शानRead more

प्रेरक कथा-कुमकुम कुमारी

रखेंगे ध्यान बेटा यह क्या कर रहे हो? क्यों कचरे के बाल्टी में हाथ डाल रहे हो? माँ मैं कचरे में से पॉलीथिन निकाल रहा हूँ। देखो न माँ कामवाली… प्रेरक कथा-कुमकुम कुमारीRead more

समाज के पथ-प्रदर्शक संत कबीर दास

” समाज के पथ-प्रदर्शक संत कबीर दास “ ✍️सुरेश कुमार गौरव संत कबीर दास को समाज सुधारक के तौर पर जाना जाता है। आज भी उनकी रचनाओं को मंदिरों और… समाज के पथ-प्रदर्शक संत कबीर दासRead more

अंतरात्मा की आवाज

*अंतरात्मा की आवाज़* अंतरात्मा हमारे शरीर में विद्यमान वह सूक्ष्म अमूर्त सत्ता है जिसे अच्छा-बुरा, सही-गलत का स्पष्ट ज्ञान होता है और जो हमें निरंतर उच्च सिद्धान्तों के पथ पर… अंतरात्मा की आवाजRead more

चौथा प्रमाण

लघुकथा- “चौथा प्रमाण” ✍️सुरेश कुमार गौरव एक बार एक निजी स़ंस्था के अधिकारी को कार्यालय के लिए एक परिश्रमी और निष्ठावान सचिव की जरुरत पड़ी।उन्होंने इस बात का विज्ञापन कुछ… चौथा प्रमाणRead more

चंचल वन में जलेबी दौड़ – निधि चौधरी

चंचल वन में जलेबी दौड़ का आयोजन किया गया। राजा शेर सिंह ने सबको कबूतर काका द्वारा यह संदेश भिजवाया। सभी जानवरों में उत्साह का माहोल था। खेल का नियम… चंचल वन में जलेबी दौड़ – निधि चौधरीRead more