शिक्षक दिवस
हम सब जब अपने जीवन की सफलताओं को, अपने जीवन की यात्रा को देखते हैं तो हमें अपने किसी न किसी शिक्षक की याद अवश्य आती है। तेजी से बदलते हुए समय और कोरोना के संकट काल में हमारे शिक्षकों के सामने भी समय के साथ बदलाव की एक चुनौती लगती है। हम सभी जानते हैं कि प्रतिवर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म-दिवस के अवसर पर शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए पूरे देश में शिक्षक दिवस पाँच सितंबर को मनाया जाता है जबकि अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस का आयोजन पाँच अक्टूबर को होता है। रोचक तथ्य यह है कि शिक्षक दिवस दुनिया भर में मनाया जाता है लेकिन सबने इसके लिए एक अलग दिन निर्धारित किया है। कुछ देशों में इस दिन अवकाश रहता है तो कहीं-कहीं यह कामकाजी दिन ही रहता है। यूनेस्को ने पाँच अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस घोषित किया था। वर्ष 1994 से ही इसे मनाया जा रहा है। शिक्षकों के प्रति सहयोग को बढ़ावा देने और भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शिक्षकों के महत्व के प्रति जागरूकता लाने के मकसद से इसकी शुरुआत की गई थी। हमारी जिंदगी में कुछ लोगों का स्थान ऐसा होता है जिसकी तुलना हम किसी से नहीं कर सकते हैं। हमारे पौराणिक धर्मग्रंथों में गुरु (शिक्षक) को भगवान से भी ऊँचा स्थान दिया गया है। शिक्षक हमें पढ़ना-लिखना सिखाते हैं। सही-गलत में भेदभाव करना और जीवन पथ पर अग्रसर रहने का रास्ता दिखाते हुए हमें ऊँचाइयों तक पहुँचाते हैं। बिना शिक्षक के कुछ भी संभव नहीं है। अंत मे संसार के सभी शिक्षकगणों को कोटि-कोटि नमन।
रंजेश सिंह
प्राथमिक विद्यालय छुरछुरिया प्रखंड फॉरबिसगंज जिला अररिया
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