टेसी थॉमस-कुमकुम कुमारी

टेसी थॉमस

          प्राचीन काल में पुरूषों के साथ बराबरी की स्थिति से लेकर मध्ययुगीन काल के निम्न स्तरीय जीवन और साथ ही कई सुधारकों द्वारा समान अधिकारों को बढ़ावा दिए जाने तक भारत में महिलाओं का इतिहास काफी गतिशील रहा है। आज भारत की महिलाएँ देश के शीर्ष पदों पर आसीन हुई हैं। इसी क्रम में मैं आज भारत की महान वैज्ञानिक अग्नि पुत्री के नाम से जाने जानी वाली वैज्ञानिक टेसी थॉमस की चर्चा करना चाहूंगी।

टेसी थॉमस का जन्म अप्रैल 1963 में केरल के अलप्पुझा प्रान्त में हुआ। उनका बचपन थुम्बा रॉकेट स्टेशन के निकट बीता और प्रक्षेपास्त्रो में उनकी रुचि वहीं पैदा हुई।

टेसी ने प्रारंभिक शिक्षा सेंट माइकल हायर सेकेंडरी स्कूल व सेंट जोसेफ गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल में की। स्नातक स्तर की अभियांत्रिकी की पढ़ाई उन्होंने थ्रीसुर के सरकारी अभियांत्रिकी कॉलेज में की। उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पुणे से एम. टेक. किया और डी आर डी ओ से पी.एच.डी. भी की।

टेसी थॉमस भारत की एक प्रक्षेपास्त्र वैज्ञानिक हैं। वे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन में अग्नि चतुर्थ व पंचम की परियोजना निदेशक एवं एरोनॉटिकल सिस्टम्स की महानिदेशक थी। भारत में प्रक्षेपास्त्र परियोजना का प्रबंधन करने वाली वे पहली महिला हैं। उन्हें “भारत की प्रक्षेपास्त्रांगना” कहा जाता है।

लाल बहादुर शास्त्री पुरस्कार से सम्मानित वैज्ञानिक आदरणीया टेसी थॉमस पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम को अपना प्रेरणा स्रोत माना है। थॉमस भारतीय सेना में महिलाओं को सेना में युद्ध की भूमिका दिए जाने की भी समर्थन करती हैं।

ऐसे महान महिला वैज्ञानिक पर हमें गर्व है।

 

कुमकुम कुमारी 

शिक्षिका

म. वि. बाॅंक जमालपुरर

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