जंगल में प्रतियोगिता

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TOB बाल सागर प्रतियोगिता 2025

चित्र संख्या -(3)

 

 

जंगल में प्रतियोगिता

 

 

 

 

एक बार जंगल के राजा ( शेर) ने सोचा क्यों ना जंगल में एक पाक कला की प्रतियोगिता रखी जाए । इससे उन्हें एक दूसरे से सीखने का भी अवसर प्राप्त होगा तो उन्होंने सारे जानवरों (हाथी, गिलहरी,भालू, लोमड़ी, सियार ,कुत्ता, इत्यादि) को एक सभा में बुलाया और अपनी योजना बताई। सभी तैयार हो गए इसके साथ ही राजा ने कहा सबों को भोजन खुद से ही तैयार करके कल लाना है, और जिसका भोजन सबसे स्वादिष्ट होगा उसे मैं इनाम दूंगा सबों ने कहा ठीक है। पर अपने आपको सर्वश्रेष्ठ करने के चक्कर में ( भालू, लोमड़ी, सियार, कुत्ता) उन्होंने सोचा क्यों इतना मेहनत करने का राजा को क्या पता चलेगा सबने होटल से आर्डर कर खाना मंगवा लिया । इधर गिलहरी और हाथी दोनों ने मिलकर भोजन तैयार किया , जिसमें बिरयानी, पनीर की सब्जी , लौकी का रायता , गाजर का हलवा और जलेबी बनाया बाकी के जानवर ने होटल से पिज़्ज़ा, बर्गर ,चाऊमीन , और समोसा मंगवाया सभी अच्छे-अच्छे कपड़े पहन करके प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए अपने दुकान लगा लिए वहीं गिलहरी और हाथी दादा सारा दिन भोजन तैयार करने के चक्कर में खुद के कपड़े भी सही ढंग से नहीं पहन सके थे वैसे ही आ गये । सभी जानवर उन्हें देखकर बहुत हंस रहे थे और सभी ठिठोली कर रहे थे। कपड़े तो ठीक ढंग से पहन नहीं सकते भोजन क्या तैयार किया होगा । इन लोगों के भोजन को शेर राजा जी चखेंगे ही नहीं । शेर राजा बारी – बारी से भोजन चखने के क्रम में कुछ प्रश्न भी पूछ रहे थे पर वे सभी जवाब नहीं दे पाए क्योंकि उन्होंने खुद से भोजन तैयार ही नहीं किया था तो जवाब क्या देते इसमें वे सभी पकड़े गए ।अब गिलहरी और हाथी की बारी आई इनसे भी भोजन के बारे में प्रश्न पूछा गया उन्होंने सारे जवाब सही-सही दिया । इनका भोजन भी राजा को बहुत स्वादिष्ट लगा। उन्होंने गिलहरी और हाथी को विजेता घोषित कर दिया । बाकी जानवरों से कहा की सफलता हासिल करने के लिए चोरी का सहारा नहीं लेना चाहिए आप लोगों ने बिना मेहनत किए मेरे लिए भोजन लाया और वह भी सेहत के लिए बहुत हानिकारक देखो इन्होंने सिर्फ भोजन ही नहीं तैयार किया उन्होंने हमारे लिए पौष्टिक आहार तैयार किया जिससे हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहे हमेशा मेहनत करके सफलता हासिल करनी चाहिए चोरी से किये हुए काम पर कभी सफलता हासिल नहीं होती सभी जानवरों को अपनी गलती का एहसास हो चुका था उन्हें यह समझ में आ गया मेहनत करके सफलता हासिल करनी चाहिए। इसके बाद सभी अपनी गलती के लिए राजा से माफी मांगे और ऐसी गलती न करने की कसम खाई । गिलहरी और हाथी दादा को शाबाशी भी दिया।

 

 

लवली कुमारी

उत्क्रमित मध्य विद्यालय अनूपनगर बारसोई कटिहार

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