दादी का स्वस्थ स्वाद
मुझे पास्ता खाना है,मुझे मैग्गी खाना है,यही रट लगाते हुए मिम्मी रोये जा रही थी।मगर तबियत ठीक नही होने के कारण डॉक्टर ने उसे किसी भी फ़ास्ट फ़ूड को खाने से मना किया था।
तभी चिम्मी, भोलू,दीपू,गन्नी सब उसके घर पहुँच गए और मिम्मी को मुँह बनाए देख पूछा,क्या हुआ मिम्मी तेरा मुँह क्यों फुला है,मिम्मी ने कहा,मुझे पास्ता खाना है।
गन्नी ने कहा अरे तू भूल गयी क्या,आज मिन्नी की दादी ने हमें सुबह के नाश्ते पर बुलाया है।
चल,जल्दी चल,आज जो खाना होगा वहीं खाना।
फिर सारे बच्चे मिन्नी के घर पहुँचे,दादी ने बच्चों को प्यार किया और डाइनिंग टेबल पर बिठाते हुए कहा,तुमलोगों को भूख लगी होगी।मैं फटाफट नाश्ता परोसती हूँ।
तभी भोलू ने कहा,दादी मिम्मी को पास्ता खाना है।
दादी ने कहा आज तुमलोगों को मैं हेल्दी नाश्ता कराती हूँ,अच्छा न लगे तो फिर कहना।
फिर दादी ने अंकुरित अन्नों की चाट,फलों का चटपटा सलाद और हरी सब्जियों की कटलेट बनाई।
बच्चों ने स्वाद ले लेकर खाया ,जो बच्चे फल और हरी सब्जी नही खाते थे उन्होंने भी उंगलियाँ चाट-चाट कर सारे नाश्ते को खत्म किया।
तब दादी ने बोला बच्चों सेहत के लिए स्वाद पर ध्यान देना जरूरी है।
अगर हरी सब्जियां, फल ,अंकुरित अनाज खाओगे तो तुम कभी बीमार नही पड़ोगे और हमेशा अव्वल रहोगे।