बचपन की शरारत

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चित्र – ३
बचपन की शरारत

राजधानी पटना से लगभग ७० किलोमीटर सुदूरवर्ती क्षेत्र में एक छोटा-सा गाँव है – रामपुर। वहाँ लगभग सारे मकान छोटे-छोटे थे, जिनमें ज्यादातर कच्चे और खपरैल थें। लेकिन पेड़ पौधों की अधिकता के कारण बड़ा हीं मनमोहक वातावरण था। गाँव के सभी बच्चे साथ-साथ खेला करते। सभी मिट्टी, लकड़ी से खेलते रहते। कभी कबड्डी, लुक्का-छिपी, गेंद, पीट्टो, कितकित, पकड़म पकड़ाई इत्यादि अलग-अलग खेल खेलते और मजे लेते।

प्रमा, सानवी, अंशिका, श्रेयांस, शालिनी सभी एकत्रित होकर रोज खेला करते थे। प्रमा के घर के पास हीं एक महुआ का पेड़ था, जिसपर कुछ चिड़ियों के घोंसले थें। जिसके छोटे- छोटे बच्चे पेड़ के नीचे फुदकते रहते जिससे सभी बच्चों को बड़ा आनंद आता था। उसी पेड़ पर एक कोटर था, जिसमें एक तोता अपने नन्हें चूजे के साथ रहा करती थी।

एक दिन की बात है। सुबह का समय था। प्रतिदिन की तरह सारे बच्चे वहांँ खेल रहे थें। उन बच्चों में श्रेयांस थोड़ा शरारती था। उसने पेड़ के कोटर से तोता के चूजे को निकालने के लिए सोचने लगा। पर वह कोटर तक पहुंँच नहीं पा रहा था। उसने सभी बच्चों के साथ मिलकर अंशिका के घर से एक बड़ी सी सीढ़ी लेकर आया। और सीढ़ी पर चढ़कर कोटर तक पहुँच गया। कोटर में हाथ डालकर नन्हें तोते को हाथ में पकड़ कर सभी को दिखाने लगा।

सभी बच्चों को नन्हा तोता बहुत प्यारा लग रहा था। सभी उसे पहले पाने और छूने के लिए उछल-कूद करने लगे। श्रेयांस अभी तक सीढ़ी पर हीं था, और दूसरे बच्चों को तोता दिखाकर चिढ़ा भी रहा था। इसी बीच चूजे की माँ तोता वहाँ पहुँच जाती है। जो देखती है कि उसका नन्हा बच्चा एक लड़का अपनी हाथ में पकड़ रखा है। वह अपने बच्चे को उसके हाथ से छिनने का प्रयास करने लगी।

श्रेयांस अपने एक हाथ से सीढ़ी पकड़े हुए था तो दूसरी हाथ से नन्हा तोता। नीचे से बच्चे तो शोर मचा हीं रहे थें और उपर से तोता झपट रही थी सो अलग। श्रेयांस तोता को हटाने के लिए जिस हाथ से सीढ़ी पकड़ा था, सीढ़ी छोड़कर उसका उपयोग किया। इसी बीच उसका संतुलन बिगड़ जाता है। और बड़े तोते को हटाने के क्रम में श्रेयांस का पैर फिसल गया और वह नीचे गिर गया, जिससे उसे काफी चोट लगी। सभी बच्चे डर गयें और किसी तरह सीढ़ी को वापस रख आएंँ। सभी को श्रेयांस ने यह बात उसके घरवालों को बताने से मना कर दिया, और सभी अपने-अपने घर चले गयें।

सीख:-
१. पेड़ पर चढ़कर खेल नहीं करना चाहिए।
2. पक्षियों अथवा छोटे जानवरों को परेशान नहीं करना चाहिए।
3. हमें कोई भी बात अपने अभिभावकों से नहीं छुपाना चाहिए
4. किसी दूसरे का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।
5. हमें सबके साथ मिलजुल कर रहना चाहिए।

कहानीकार:- राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश, पालीगंज, पटना।
संपर्क – 9835232978

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