5 . बिन परिंदे आसमान सुना
एक समय कि बात है एक गाँव में पिंकी नाम की लड़की रहती थी । वह कक्षा पाँच में पढ़ती थी । उसे चिड़ियों से काफी लगाव था । वह कभी चिड़ियों की आवाजे निकालने कि कोशिश करती तो कभी उनके जैसे बनने के लिए केले के पत्तों को हाथों से बाँध लेती थी । गाँव वाले पिंकी कि नादानी को देख काभी आनंदित होते थे । एक दिन जब पिंकी स्कूल से घर आ रही थी तो उसने देखा एक तोता सड़क किनारे एक आम के पेड़ के नीचे घायल पड़ा है । यह देख पिंकी उसके पास गई । पिंकी ने तोते को गोद में लिया और घर की तरफ जाने लगी । घर आकर उसने तोते के घाव पर मरहम लगाई और उसे एक कटोरे में पानी और सेब के कुछ टुकड़े खाने को दिए । पिंकी ने तोते के रहने के लिए एक लकड़ी का छोटा सा सुंदर घर बनाया । पिंकी को यह सब करता देख उसके दादाजी काफी काफी खुश हुए और उन्होंने पिंकी को शाबाशी दी । पिंकी ने तोते का नाम मिट्ठु रखा । पिंकी रोज स्कूल से घर आने के बाद अपने दोस्तो संग उस तोते के साथ खेला करती थी । धीरे – धीरे दिन बीतते गए और तोता अब ठीक हो गया था । इसलिए पिंकी उसे उसी आम के पेड़ पर छोड़ने चली जाती है । जब पिंकी तोते को पेड़ की डाली पर बैठाकर उसे अलविदा कहती है तो तोता उड़कर पेड़ की डाली में लटके आम में चोंच मारता है तो टुटकर पिंकी के पास गिरता है । ऐसा लग रहा होता है कि तोता उसकी देखभाल के लिए धन्यवाद कह रहा हो । फिर पिंकी आम उठाकर घर की तरफ कदम बढ़ाती हैं। अगले दिन पिंकी यह सारी घटना अपने कक्षा में सुनाती है जिसे सुनकर उसके दोस्त पिंकी की तरह असहाय लोगों , पशु – पक्षियों की मदद करने के लिए प्रेरित होते हैं।
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