महावीर (मासिक- धर्म )
अलग थाली अलग बिस्तर अलग सबसे बैठाया है।
मां ने आज उसको सबसे बीमार बताया है।
पूरा दिन उसने अलग कमरे में बिताया है।
मंदिर में भी जाना उसका कुछ दिन निषेध करवाया है।
सुनो सुनो……………….. आज फिर महीना आया है।
पूजा क्यों नहीं कि तुमने पढ़ने क्यों नहीं गई।
आज पेट में दर्द क्यों है।ना जाने ऐसे कितने सवालों पर मैं और मेरी मां ने मिलकर बोझ उठाया।
सुनो सुनो…………………….आज फिर महीना आया हैं।
जीवन मिलता जिस प्रक्रिया से उसे ही मेरी शर्म बना डाला।
लोगों ने मेरा दर्द सहना धर्म बना डाला।
सुनो सुनो……………… आज फिर महीना आया है।
Sapna soni
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