मीना दीदी

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मीना दीदी

एक गांव में मीना रहती थी। उसके दो छोटे भाई थे – सोनू और मोनू । दोनों बहुत चंचल और थोड़े बहुत शरारती थे। । मीणा पढ़ने में तेज और बहुत ही समझदार लड़की थी। वह घर में अपनी माँ के कामों में हाथ भी बंटाती थी। वह प्रतिदिन अपने भाइयों के साथ स्कूल जाती थी। स्कूल से आने के बाद गांव के बगीचे में एक बड़े पेड़ के नीचे सभी बच्चे खेला करते थे।

एक दिन रात में झमाझम मूसलाधार बारिश हुई। अगले दिन सुबह नीला आसमान सफेद बादलों से हल्का-हल्का ढका हुआ था। दिन निकल आया था। दोनों भाई सुबह अपने दोस्तों के साथ बेफिक्र होकर खेलने निकल गए। स्कूल का समय होने पर मीना उन्हें ढूंढते हुए अपने साइकिल से बगीचे में पहुंची। पेड़ के नीचे काफी पानी जमा हो चुका था, जिसमें सभी बच्चे आनंद के साथ खेल रहे थे ।कुछ बच्चे मछलियां पकड़ रहे थे। कुछ बच्चे पानी में छपक छपक कूद रहे थे। एक बच्ची किनारे पेंटिंग कर रही थी। सभी अपने आप में मग्न थे।

तभी मीणा को आते देख उसका भाई सोनू पेड़ पर चढ़ गया और मोनू पेड़ के पीछे छुप गया। पेड़ पर सोनू की निगाह टहनी पर लटके एक घोंसले पर पड़ी, जिसमें दो अंडे थे। सोनू ने उसमें से अंडे निकालना चाहा। लेकिन उसके हाथ से अंडे छूटकर गिर पड़े और टूट गए । तब चिड़िया जोर-जोर से चहचहाने लगी। जब मीणा वहां पहुंची , तो उसने चिड़िया के चहचहाहट सुन और अंडे को फूटा देखकर समझते देर न लगी की , हो ना हो इसमें सोनू का ही हाथ है। फिर उसने दोनों भाइयों को समझाया कि चिड़ियां को कितना दुःख हुआ होगा। फिर दोनों को साइकिल पर बैठाकर साथ में स्कूल गई। स्कूल में मैडम में उन्हें बाढ़ से बचाव और बरसात के पानी से होने वाली बीमारियों से बचाव के कई तरीके बताएं। सभी बच्चों ने मैडम की बातों को ध्यानपूर्वक सुना और उनकी बातों को समझा।

अगले दिन उन्होंने पाया कि पड़ोस में उनका एक दोस्त बीमार है तो वह उनसे मिलने गए और उन्हें बताया कि बरसात में पानी को उबाल कर पीना चाहिए। गंदे पानी में नहीं जाना चाहिए । गड्ढों में पानी इकठ्ठा हो तो उसमें केरोसिन तेल का छिड़काव कर देना चाहिए ताकि मलेरिया के मच्छर जन्म ना ले। उल्टी , दस्त या बुखार आदि होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए।

इस तरह कुछ दिनों में उसका दोस्त ठीक हो गया । वे नियमित स्कूल जाने लगे और सभी हंसी खुशी फिर बगीचे में खेलने लगे।

नैतिक शिक्षा:-

  1. जीवों पर दया करो।
  2. हमें नियमित स्कूल जाना चाहिए।

राकेश कुमार राव

+2नदी घाटी योजना उच्च विद्यालय वाल्मिकीनगर

बगहा 2, पश्चिम चंपारण ।

चित्र संख्या -5.

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