5

  •    शीर्षक     सब को पसंद अपनी आजादी

स्नेहा नाम की एक छोटी सी लड़की थी।वह रोज अपने बगीचे में घूमने जाया करती थीं।बगीचे में बहुत से फूल और पक्षी को रोज स्नेहा देखती और उस से बाते किया करी थी।एक दिन स्नेहा ने बगीचे में एक तोता को देखा जिसे देख स्नेहा बहुत खुश होने लगी और उस तोते से बात करने लगी । स्नेहा ने तोते से कहा मिठू तुम कितने अच्छे हो और उस से भी अच्छी तुम्हारी बोली है।क्या तुम मुझ से दोस्ती करना  चाहोगे । मैं तुम्हें रोज मीठे मीठे फल खिलाऊं गी ।तुम्हें लाल लाल मिर्च भी खिलाऊं गी। और तुम्हे अपने घर में एक सुंदर से पिंजरे में रखूं गी।तब तोते ने कहा ना बाबा ना मुझे पसंद है मेरी आजादी में उड़ती हु आसमान में पंख फैलाए इधर उधर।ताजे ताजे रोज फल हुं खाती ।क्या तुम्हे कोई पिंजारा में बंद कर दे तो कैसा लगे गा ।तब स्नेहा को अपनी गलती पर अफ़सोश हुआ ।तब उने हाथ जोर कर अपनी गलती मानी मिठू तुम हमें माफ करो अब न किसी पक्षी को कैद करु गी।सब को पसंद है अपनी आजादी।तुम रोज आना मुझ से मिलने मेरे बगीचे में मीठे मीठे तुम खाना और मुझ से तुम बाते करना।

0 Likes
Spread the love

Leave a Reply