गाँव शहर की भीड़ भरी उमस से बरबस ही ध्यान खींचती है गाँव की हरी-भरी वादियां ।शहरों के कोलाहल आपा धापी घुटन चित्कार उहापोह अपनों… गाँव-दिलीप कुमार गुप्ताRead more
Author: Vijay Bahadur Singh
आजादी का सुख-रानी कुमारी
आजादी का सुख अरी बहन चमेली, तुम्हारे पत्ते आज मुरझाए-से क्यों लग रहे हैं?” बरामदे पर रखे गमले में शान से खड़े गुलाब के पौधे… आजादी का सुख-रानी कुमारीRead more
रूप से बड़ा गुण-प्रीति कुमारी
रूप से बड़ा गुण एक बार की बात है। एक गाँव में एक सेठ रहता था। वह कपड़े का व्यापार करता था। उसके मुनीम… रूप से बड़ा गुण-प्रीति कुमारीRead more
चिराग-विजय सिंह “नीलकण्ठ”
चिराग एक छोटे से गाँव के मैदान में एक छोटा सा रंगमंच तैयार था। उद्घोसक महोदय न थकते हुए लगातार लोगों को आवाज लगा रहे… चिराग-विजय सिंह “नीलकण्ठ”Read more
आचार्य शिवपूजन सहाय-हर्ष नारायण दास
हिन्दी नवजागरण के पुरोधा आचार्य शिवपूजन सहाय आचार्य शिवपूजन सहाय का जन्म बक्सर जिला अंतर्गत उनवान्स नामक गाँव में 9अगस्त 1893 को बुधवार को हुआ… आचार्य शिवपूजन सहाय-हर्ष नारायण दासRead more
दो बहनें-नूतन कुमारी
दो बहनें एक गाँव में एक कुम्हार रहता था। उसकी दो पत्नियां थी। दोनों पत्नियों को एक- एक बेटी थी। बड़ी का नाम सुखिया और… दो बहनें-नूतन कुमारीRead more
न्यूज चैनल वाले-प्रियंका कुमारी
न्यूज़ चैनल वाले ये न्यूज़ चैनल वाले भी पागल करके ही छोड़ेंगे। दिन भर एक ही रट लगाये रखते हैं। कोरोना.. कोरोना….. हाथ धोओ…दुरी बनाकर… न्यूज चैनल वाले-प्रियंका कुमारीRead more
स्नेह-प्रेम के दो शब्द-देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
स्नेह-प्रेम के दो शब्द लॉकडाउन का पहला चरण, दूसरा चरण फिर तीसरा चरण को तो मैंने अपनी आँखों में बसा लिया, उसे अच्छी तरह झेल… स्नेह-प्रेम के दो शब्द-देव कांत मिश्र ‘दिव्य’Read more
स्वामी विवेकानंद-अश्मजा प्रियदर्शिनी
स्वामी विवेकानंद: युवाओं के प्रेरणा स्रोत “उठो मेरे शेरों, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वछन्द जीव हो, धन्य हो, सनातन हो,… स्वामी विवेकानंद-अश्मजा प्रियदर्शिनीRead more
सनातन की शपथ-विजय सिंह नीलकण्ठ
सनातन की शपथ यहाँ उपस्थित ग्रामवासियों को साक्षी मानकर मैं शपथ लेता हूँ कि आज ही नहीं अभी से किसी भी सजीव की हत्या नहीं… सनातन की शपथ-विजय सिंह नीलकण्ठRead more