पर्यावरण हम मानव जाति के लिए ईश्वर का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ उपहार है। पर्यावरण की वजह से ही हम मानव जीवन का अस्तित्व हैं। पर्यावरण से हमें वो हर संसाधन उपलब्ध हो जाते हैं जो किसी सजीव प्राणी को जीवन जीने के लिए अति आवश्यक है । इसके वजह से ही हमे जीवन की लगभग सारी सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं। मानव को जीवन प्रदान करने के बावजूद आज के युग में पर्यावरण का नुकसान हो रहा है, जिसकी वजह से प्रदूषण व कई प्रकार के संकट के बादल हम पर मँडरा रहे हैं। आज के समय में मानव अपने तुच्छ स्वार्थ सिद्धि हेतु पर्यावरण से खिलवाड़ करने को आतुर दिखाई पड़ता हैं। अगर भविष्य में ऐसा ही चलता रहा तो मानव का अस्तित्व महज एक इतिहास बनकर रह जाएगा। ऐसे समय में हमें पर्यावरण को संरक्षित करना चाहिए एवं लोगों को पर्यावरण संरक्षण के उपाय बताकर उन्हें भी जागरूक करना चाहिए, यही समय की मांग हैं। पर्यावरण का सीधा संबंध हमारे प्रकृति से है। गत वर्षों में कोरोना के कहर से परेशान दुनिया को लाँकडाउन के वजह से थोड़ी सी राहत मिली थी, जैसे ही गाड़ियां, कारखाने चलना बंद हुई, लोगों का निकलना बंद हुआ, हमारी प्रकृति ने थोड़ी राहत की सांस ली थी। लेकिन प्रश्न यह उठता है कि आखिर यह चंद प्रयासों से कब तक प्रकृति संरक्षित हो पाएगी। वास्तव में आज पर्यावरण से सम्बद्ध ज्ञान को व्यवहारिक बनाने की आवश्यकता है ताकि ऐसी परिस्थिति में जनमानस पर्यावरण के प्रति अपने कर्तव्य और दायित्व का निर्वहन कर सके।
हमें पार्यावरण को संरक्षित करने हेतु कुछ निम्न कार्य करने चाहिए..
- हमें अपने आस पास गंदगी फैलने से रोकना चाहिए।
- कम से कम महीने में एक पौधा तो अवश्य लगाना चाहिए,जिससे हमारा पार्यावरण संतुलित रहे।
- नदी, तालाब, झरनें, पोखर मे कचड़े फेकने से बचें।
- अगर किसी आयोजन, समारोह या किसी को सम्मानित करने हेतु अगर पौधे गिफ्ट दिये जाएं तो यह पार्यावरण के प्रति बहुत अच्छा प्रयास होगा। अगर हम चाहेंगे तो हमारा पर्यावरण फिर से खिल उठेगा।आज बढतें प्रदूषण के कारण ही हमारे पर्यावरण को क्षति पहुंच रही हैं, जानवर विलुप्त होते जा रहे है और धीरे धीरे मनुष्य भी प्रभावित हो सकते हैं। प्रदूषण के कारण पूरी पृथ्वी दूषित हो रही है और अगर हम अब भी पर्यावरण संरक्षण की ओर अग्रसर नहीं होंगे तो एक दिन मानव सभ्यता का अंत निश्चित है। पर्यावरण संरक्षण से ही धरती पर जीवन का संरक्षण संभव है , अन्यथा मंगल ग्रह या अन्य ग्रहो की तरह पृथ्वी का भी जीवन चक्र समाप्त हो जाएगा। प्रदूषण एक अभिशाप बनकर हमारे संपूर्ण पर्यावरण को नष्ट करने के लिए हमारे सामने खड़ा है इसलिए अगर हम खुद अपने पर्यावरण की रक्षा नहीं करेंगे तो धीरे धीरे जिंदगी मुश्किल होती चली जाएगी, हमें सांस लेने को आँक्सीजन तक मिलना मुश्किल हो जाएगा। पार्यावरण की महत्ता को समझाने के लिए ही प्रतिवर्ष पार्यावरण दिवस मनाया जाता हैं।
“हरे वृक्ष से वायु प्रदूषण का,
संहार होना चाहिए,
हरियाली और प्राण वायु का,
बस अम्बार होना चाहिए।”
नूतन कुमारी (विशिष्ट शिक्षिका)
मध्य विद्यालय चोपड़ा बलुआ
पूर्णियाँ, बिहार