मुहल्ले के एक चौराहे पर केशव तन्मयता से जूता-चप्पल मरम्मत करता था। जूता पालिश करता था। उसे अपने इस काम से शिकायत नहीं थी लेकिन बड़ी मुश्किल से गुजर -बसर… तितली की उड़ान -स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्य ‘Read more
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